(केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी आशा नौटियाल ने 5 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की। आशा नौटियाल ने कांग्रेस के मनोज रावत को हराया। पिछली बार उत्तराखंड में हुए बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को करारी हार दी थी। कांग्रेस की जीत के साथ ही पार्टी का मनोबल भी बढ़ गया था। केदारनाथ सीट जीत कर भाजपा ने उसकी भरपाई कर दी। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगाया है। लेकिन उसे सफलता नहीं मिली है। सीएम धामी ने इसे विकास, राष्ट्रवाद और सनातन की जीत बताया। सीएम ने कहा कि कांग्रेस ने भ्रम, क्षेत्रवाद और जातिवाद फैलाने का कार्य किया। लेकिन जनता ने उनके एजेंडे को नकार दिया।
बाबा केदारनाथ धाम के बंद कपाट ने भाजपा को आशीर्वाद देते हुए खोल दिए जीत के दरवाजे। शनिवार, 23 नवंबर को विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल केदारनाथ विधानसभा सीट के उप चुनाव के आए नतीजों में कमल खिल गया। केदारनाथ विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी आशा नौटियाल ने 5 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की। आशा नौटियाल ने कांग्रेस के मनोज रावत को हराया। पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हारने के बाद भाजपा की निगाहें करोड़ों हिंदुओं की आस्था का बड़ा केंद्र केदारनाथ उपचुनाव पर लगी हुई थी। भाजपा के राजनीतिक केंद्र में हिंदू तीर्थस्थलों का बड़ा महत्व है और केदारनाथ उसी प्राथमिकता की एक कड़ी है। इसके साथ यह सीट सीधे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रतिष्ठा से भी जुड़ी हुई थी। यह सीट जीत कर मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी खुश कर दिया है। आने वाले दिनों में जब मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की मुलाकात होगी तब पीएम मोदी सीएम धामी को केदारनाथ सीट की जीत पर बधाई जरूर देंगे। इसकी वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव को लेकर सक्रिय थे। पिछली बार उत्तराखंड में हुए बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को करारी हार दी थी। कांग्रेस की जीत के साथ ही पार्टी का मनोबल भी बढ़ गया था। केदारनाथ सीट जीत कर भाजपा ने उसकी भरपाई कर दी है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगाया है। लेकिन उसे सफलता नहीं मिली है। उत्तराखंड बीजेपी खेमें में जश्न का माहौल है। केदारनाथ उपचुनाव भाजपा के लिए इसलिए साख का सवाल बन गया है क्योंकि इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम जुड़ा है। वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने पर नरेंद्र मोदी ने धाम के पुर्निर्माण का बीड़ा उठाया। प्रधानमंत्री स्वयं कई बार केदारपुरी आ चुके हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपचुनाव में पांच जनसभाओं को संबोधित किया, जबकि दो बाइक रैली में भी वह शामिल हुए। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट समेत धामी, सरकार के लगभग सभी मंत्री, कई पूर्व मुख्यमंत्री, गढ़वाल संसद अनिल बलूनी और वरिष्ठ पदाधिकारी भी प्रचार अभियान का हिस्सा बने। आशा नौटियाल के जीतने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बधाई दी है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पीएम मोदी ने केदारनाथ धाम का जो नव निर्माण और विकास किया ये उसकी जीत है। सीएम ने इसे विकास, राष्ट्रवाद और सनातन की जीत बताया। सीएम धामी ने कहा कि कांग्रेस ने भ्रम, क्षेत्रवाद और जातिवाद फैलाने का कार्य किया। लेकिन जनता ने उनके एजेंडे को नकार दिया। सीएम धामी ने कहा कि हम अंतिम छोर तक मौजूद व्यक्ति तक विकास कार्य पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मातृशक्ति को जीत का धन्यवाद किया। सीएम ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग अयोध्या, बदरीनाथ को लेकर व्यंग्य करते थे, जनता ने उनको करारा तमाचा मारा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस ने अनर्गल बयानबाजी करके केदारनाथ की यात्रा को प्रभावित करने का प्रयास किया और कांग्रेस झूठे विषयों को लेकर जनता के बीच गई। महेंद्र भट्ट ने कहा कि केदारनाथ की जनता ने जो विश्वास दिखाया है वो नजीर के रूप में है और अब आगामी समय में प्रदेश में जितने में चुनाव होंगे वो सब भारतीय जनता पार्टी इसी तरीके से जीतेगी । वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के मनोज रावत की हार उत्त्तराखंड के सरोकारों की हार है। बीजेपी ने पैसा, शराब, पुलिस जिहाद के बल पर चुनाव जीता। बीजेपी की देश बांटने और प्रदेश को हाशिये में डालने वाली नीति के विरुद्ध अगले एक वर्ष तक उत्तराखंड के गांव-गांव तक पद यात्रा निकालेंगे ।
भाजपा की आशा नौटियाल पांच हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की–
उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की आशा नौटियाल ने कांग्रेस के मनोज रावत को हराया है। भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल 5099 वोट से जीत गई है। आशा नौटियाल को 23814 वोट मिले। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत को 18191 मत प्राप्त हुए हैं। भाजपा को यह बड़ी जीत मिली है। मतगणना के दौरान एक बार ऐसा भी लगा जब निर्दलीय उम्मीदवार त्रिभुवन सिंह, कांग्रेस के मनोज रावत से आगे निकल गए थे। बाद में कांग्रेस ने लीड बनाई। खास बात ये कि पिछली बार की विधानसभा से बीजेपी को ज्यादा वोट मिले। प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुकी केदारनाथ विधानसभा की इस सीट पर संघ परिवार भी पूरी ताकत से जुटा और बीजेपी के उम्मीदवार को जिताने के लिए खासी मेहनत की। इस उपचुनाव को जीतने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंकी हुई थी। वहीं केदारनाथ उपचुनाव के दौरान कांग्रेस ने नई दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के शिलान्यास को मुद्दा बनाने पर पूरा जोर दिया। लेकिन केदारनाथ मंदिर के चक्रव्यूह में कांग्रेस खुद ही फंस गई और पार नहीं पा पाई। कांग्रेस को केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव में भी मंगलौर और बदरीनाथ सीट जैसी उम्मीद थी। उनके सभी दिग्गज नेताओं ने केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में डेरा डाला था। लेकिन उनकी मेहनत रंग नहीं ला सकी। पार्टी प्रत्याशी मनोज रावत को हार का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए प्रतिष्ठा के लिए सीट बनी केदारनाथ सीट पर आशा नौटियाल की जीत के पीछे, सीएम धामी की चुनावी रणनीति कामयाब रही। बताया गया है कि तमाम दावेदारों के बीच धामी ने महिला उम्मीदवार पर ही विश्वास जताया, क्योंकि इस सीट पर राज्य बनने के बाद बीजेपी ने हमेशा महिला को ही उम्मीदवार बनाया दो बार आशा नौटियाल यहां से विधायक रहीं थी। मतगणना शनिवार सुबह 8 बजे से शुरू हुई थी। इस सीट पर छह प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही थी। बता दें कि गत 20 नवम्बर को केदारनाथ विस के लिए उप चुनाव संपन्न हुए थे। निर्वाचन में कुल 58.89 प्रतिशत मतदान हुआ। उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने आशा नौटियाल, कांग्रेस ने मनोज रावत और उत्तराखंड क्रांति दल ने डा. आशुतोष भंडारी को मैदान में उतारा है। तीन अन्य उम्मीदवार आरपी सिंह, त्रिभुवन सिंह चौहान और प्रदीप रोशन रुड़िया निर्दलीय चुनाव लड़े। केदारनाथ सीट पर अब तक पांच बार चुनाव हुए हैं, जिसमें बीजेपी तीन बार और कांग्रेस ने दो बार जीत हासिल की है। केदारनाथ विधानसभा सीट पर हमेशा ही महिला मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही हैं। यही कारण है कि केदारनाथ विधानसभा सीट पर हुए छह चुनाव में पांच बार महिला प्रत्याशी विजयी रही हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में कांग्रेस के मनोज रावत विधायक चुने गए।
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