-पं. शंभू नाथ गौतम
आज संडे है। इस मौके पर हम आपको कुछ खास बताने जा रहे हैं। खास यह है कि आप सभी लोग जानते होंगे कि इस समय पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां जोरों पर हैं। अगर बात करें तो राजनीतिक दलों के सभी नेता इन राज्यों में अपनी चुनावी रणनीति और प्रचार के कार्यक्रम में व्यस्त हैं। वहीं भाजपा सरकार के केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक और नेता भी चुनावी समर में रात-दिन एक किए हुए हैं। लेकिन एक केंद्रीय मंत्री ऐसी भी हैं जो इस चुनावी शोर से दूर हैं। इनका भाजपा की ओर से पिछले दिनों जारी की गई प्रचार लिस्ट में भी नाम नहीं है। हम बात कर रहे हैं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की। निर्मला सीतारमण इन दिनों आने वाले केंद्रीय बजट को लेकर व्यस्त हैं। बता दें कि इस बार का बजट कई मायने में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव, देश में कोरोना वायरस के मामलों को लेकर लगी पाबंदियों के बीच देशवासी लोक लुभावन बजट की आस लगाए हुए हैं। बता दें कि यह बजट विधानसभा चुनाव के ठीक 10 दिन पहले यानी 1 फरवरी को आ रहा है। एक बजट को बनाने में करीब छह महीनों का वक्त लग जाता है, जिसके बाद इसे जनता के सामने पेश किया जाता है। इस बार 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना चौथा बजट पेश करेंगी। देश के 5 राज्यों में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव भी हो रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार इस बजट टैक्स में छूट देने समेत कई चीजों पर राहत दे सकती है।
साल 2017 में भी विधानसभा चुनाव से पहले ऐसे ही बजट पेश किया गया था–
साल 2017 में भी उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले 10 दिन पहले दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी राहत भरा बजट पेश किया था। इस बार भी पांच राज्यों के चुनाव से पूर्व पेश की जाने वाले बजट में वोटर्स पर सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है । अगर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोगों को अच्छा महसूस कराने में सफल होती हैं तो इस बार बजट में मध्यम वर्ग करदाताओं को कुछ राहत मिल सकती है । वैसे इसकी उम्मीद बहुत ही कम है कि केंद्र सरकार कोई नया टैक्स लेकर आएगी क्योंकि पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से ठीक 10 दिन पहले 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में देशवासियों को राहत मिलना तय है। यहां हम आपको बता दें कि संसद का बजट सत्र इसी महीने 31 जनवरी को शुरू हो रहा है, जो 8 अप्रैल तक चलेगा। हालांकि, बीच में एक महीने का अवकाश होगा। सत्र का पहला भाग 31 जनवरी को शुरू होकर 11 फरवरी को समाप्त होगा। इसी दौरान बजट भी पेश होगा। फिर एक महीने के अवकाश के बाद सत्र का दूसरा भाग 14 मार्च से शुरू होगा, जो 8 अप्रैल को समाप्त होगा।