बुधवार 17 नवंबर से करीब डेढ़ साल बाद एक बार फिर से करतारपुर कॉरिडोर खोला जाएगा। मंगलवार को मोदी सरकार ने इसे खोले जाने की हरी झंडी दे दी है। केंद्र सरकार ने यह फैसला श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व 19 नवंबर से पहले लिया है। करतारपुर कॉरिडोर के लिए रजिस्ट्रेशन की शुरुआत बुधवार से होगी। 18 नवंबर 250 तीर्थयात्रियों का जत्था करतारपुर गुरुद्वारे में जा सकता है। श्रद्धालुओं यहां बिना वीजा के जा सकेंगे, उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बता दें कि करतारपुर साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थान है। सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव का यह निवास स्थान है और यहीं उनका निधन हुआ था। उन्होंने अपनी जिंदगी के तकरीबन 17-18 साल यहीं गुजारे थे। करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है और भारतीय सीमा से 3-4 किमी की दूरी पर है। बंटवारे के समय यह स्थान पाकिस्तान में चला गया था। करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन 9 नवंबर 2019 को हुआ था। भारत में पंजाब के डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। वहीं पाकिस्तान सीमा से नारोवाल जिले में स्थित गुरुद्वारे तक कॉरिडोर का निर्माण हुआ है। इसी को करतारपुर साहिब कॉरिडोर कहा जाता है। इसे 16 मार्च, 2020 को कोरोना महामारी के कारण बंद कर दिया गया था। मंगलवार को अमित शाह ने कहा कि यह फैसला गुरु नानक देव जी और सिख समुदाय के प्रति मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दर्शाता है। उन्होंने ट्वीट किया कि एक बड़ा फैसला जो लाखों सिख श्रद्धालुओं को लाभ पहुंचाएगा, नरेंद्र मोदी सरकार ने कल, 17 नवंबर से करतारपुर साहिब गलियारा को फिर से खोलने का निर्णय किया है। हाल हीं में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करके करतारपुर कॉरिडोर खोलने की मांग की थी। पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पीएम मोदी से करतारपुर कॉरिडोर को खोलने की अपील की थी। यही नहीं शिरोमणि अकाली दल नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर यही मांग की थी। नवजोत सिंह सिद्धू भी करतारपुर कॉरिडोर खोलने की मांग उठाते रहे हैं। पंजाब में 3 महीने के अंदर होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का यह बड़ा फैसला है।