पिछले दिनों से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले में हजारों युवाओं ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। युवाओं की मांग थी कि भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच होनी चाहिए। वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी सीबीआई जांच की मांग को लेकर धामी सरकार पर दबाव डाला था। इसी को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार 20 फरवरी को बड़ा बयान देते हुए कहा कि वह भी चाहते हैं पेपर लीक के मामले में सीबीआई जांच हो। इसके साथ सीएम धामी ने कहा कि हर चीज का एक समय होता है। उन्होंने कहा कि अगर सीबीआई जांच की हम संस्तुति करते तो बाकी बचे आएं समय पर नहीं हो पाती। जिस वजह से हजारों युवाओं का भविष्य भी प्रभावित होता। सीएम धामी ने कहा कि हम पेपर लीक के मामले में सीबीआई जांच करवाएंगे लेकिन आयोग की सभी भर्ती परीक्षाएं पूरी हो जाने के बाद। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि वह छात्रों को गुमराह न करें। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आयोग की सभी भर्तियां पूरी होने के बाद सीबीआई जांच कराऊंगा। छात्र किसी के बरगलाने में न आएं। पेपर न होने से छात्रों को दिक्कत आएगी। सीएम ने कहा कि आयोग की सभी भर्तियां पूरी होने के बाद हम सीबीआई जांच भी कराएंगे। उन्होंने कहा कि न्यायालय भी कह चुका है कि शासन की जांच सही है, बावजूद विपक्ष चाहता है कि युवा सड़क पर प्रदर्शन करें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो भी सीबीआई जांच कराना चाहते हैं। लेकिन, एक बार भर्ती का मामला सीबीआई के पास चला गया तो पांच से सात साल तक कोई परीक्षा नहीं होती। सरकार चाहती है कि एक बार नए कैलेंडर के लिए भर्ती का काम पूरा हो जाए तो वो सीबीआई जांच कराएंगे। इस मामले में हाईकोर्ट का पहले भी निर्णय आ चुका है और न्यायालय ने भी माना है कि जो जांच चल रही है, वह सही दिशा में चल रही है। अब तक 60 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। सरकार ऐसे लोगों के बहकावे में नहीं आने वाली है, जो युवाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज नकली माफियाओं को समर्थन करने वाले लोग बहुत परेशान हैं। क्योंकि अब युवाओं के भविष्य के खिलवाड़ करने वालों को दिन में ही जेल जाने के सपने दिखाई देने लगे हैं। सरकार ने तय किया कि रास्ता चाहे कितनी भी कठिन हो, लेकिन नकल माफियाओं का किसी भी कीमत नहीं छोड़ा जाएगा।