आज से संसद का विशेष सत्र शुरू हुआ है। यह सत्र 18 सितंबर से 22 सितंबर तक चलेगा। वहीं आज सुबह संसद की कार्यवाही के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में बोलते हुए संसद के 75 साल के सफर को याद किया। इस मौके पर सभी राजनीतिक दलों के सांसदों ने इस संसद भवन को यादगार विदाई वदाई दी। मंगलवार 19 सितंबर से सत्र कार्यवाही नई संसद भवन में आयोजित होगी। इन सब के बीच सोमवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक कैबिनेट की मीटिंग बुलाई। इस मीटिंग में मोदी सरकार ने बहु प्रतीक्षित बड़े फैसले को मंजूरी दी। संसद की एनेक्सी बिल्डिंग में हुई कैबिनेट बैठक में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिल गई है।
इस बिल को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन तमाम कयासों को दरकिनार करते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने आखिरकार इस बिल को मंजूरी दे दी। कैबिनेट की बैठक के केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने सोशल मीडिया पर महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दी जाने की जानकारी दी। लेकिन कुछ देर बाद ही केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने यह ट्वीट डिलीट कर दिया। इस मंजूरी के बाद महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि महिला आरक्षण बिल मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा।
राज्यसभा में ये बिल 2010 में ही पास हो चुका है। इसमें महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है। ये बिल पास हुआ तो अगले लोकसभा चुनाव के बाद सदन में हर तीसरी सदस्य महिला होगी। राहुल गांधी ने कहा कि अब दलगत राजनीति से ऊपर उठें। हम महिला आरक्षण बिल पर बिना शर्त के समर्थन करेंगे।9 मार्च 2010 को राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण बिल को बहुमत से पारित कर दिया गया था। तब सपा और आरजेडी ने तत्कालीन यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी थी।

इसके बाद बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया। तभी से महिला आरक्षण बिल पेंडिंग है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने हमेशा इसका समर्थन किया। हालांकि कुछ अन्य दलों ने महिला कोटा के भीतर ओबीसी आरक्षण की कुछ मांगों को लेकर इसका विरोध किया। अब एक बार फिर कई दलों ने इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक लाने और पारित करने की जोरदार वकालत की, लेकिन सरकार की ओर से कहा गया है कि उचित समय पर उचित निर्णय लिया जाएगा।