हिमाचल प्रदेश के लिए अगले पांच दिन फिर भारी होने वाले हैं। मौसम विभाग ने एक बार फिर अलर्ट जारी किया है। हिमाचल प्रदेश में पांच दिन लगातार बारिश का दौर जारी रहेगा है। मौसम विभाग ने आज 8 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है, जहां हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ जगहों पर भारी बारिश की भी संभावना है।
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से सामान्य जनजीवन पर असर पड़ा है और कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। राज्य के अधिकांश इलाकों में शनिवार को भी बादल बरसे। राजधानी शिमला में बाद दोपहर जमकर बारिश हुई। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक बारिश की रफ्तार में और तेजी आने की आशंका जताई है। 15 अगस्त तक राज्य भर में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। खासतौर पर 11 से 14 अगस्त तक मानसून के कड़े तेवर देखने को मिलेंगे। इस अवधि में राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं आज 10 अगस्त को अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा व गरज के साथ तूफान का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसी तरह 15 अगस्त को भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है।
चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग कुल्लू-मंडी के बीच भूस्खलन से बंद चल रहा है। इस कारण वाहनों की आवाजाही थम गई है। कुल्लू जिले से मंडी की ओर जाने वाले वाहन बजौरा से लेकर पनारसा, नगवाईं, टकोली, औट तक जगह-जगह खडे़ हैं। इन वाहनों में यात्री वाहन के साथ फल-सब्जी से भरे वाहन भी शामिल है जो मंड़ियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के ऊना, कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर और कुल्लू जिलों में 11 से 14 अगस्त तक भारी से अत्यंत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिससे इन क्षेत्रों में बाढ़, भूस्खलन और सड़कों के बंद होने का खतरा है। प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है, इसलिए सभी निवासियों और पर्यटकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट:
- अवधि: 11 से 14 अगस्त।
- प्रभावित जिले: ऊना, कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर और कुल्लू।
- संभावित खतरे: बाढ़, भूस्खलन और सड़कों के बंद होने की संभावना।
अन्य क्षेत्रों के लिए पूर्वानुमान:
- प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जिससे गर्मी से राहत मिलेगी।
आपको क्या करना चाहिए:
- सतर्क रहें:विशेष रूप से ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों में यात्रा करने से बचें या बहुत सतर्क रहें।
- सुरक्षा:स्थानीय प्रशासन की ओर से जारी की गई किसी भी एडवाइजरी का पालन करें।
बता दें कि प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 9 अगस्त तक 219 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 315 लोग घायल हुए हैं। 37 लोग अभी भी लापता हैं। इस दाैरान 107 लोगों की सड़क हादसों में माैत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 2,324 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 1,932 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,591 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 1,98,881.00 लाख रुपये पहुंच गया है।