आज, सोमवार 21 जुलाई को बांग्लादेश की वायुसेना का ट्रेनर विमान ढाका के स्कूल पर गिर गया। AP की रिपोर्ट के मुताबिक हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में 16 छात्र, 2 शिक्षक और 1 पायलट शामिल हैं।

हादसे में 164 से ज्यादा लोग घायल हैं। 60 से ज्यादा घायलों को बर्न इंस्टीट्यूट रेफर कर दिया गया है। मामूली रूप से घायल कई लोगों का उत्तरा मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है।
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उत्तरा में सोमवार दोपहर को बांग्लादेश एयरफोर्स का ट्रेनर फाइटर जेट एक स्कूल और कॉलेज की बिल्डिंग पर जा गिरा था। हादसे के तुरंत बाद एक व्यक्ति के मारे जाने की खबरें सामने आई थीं, लेकिन शाम होते-होते यह संंख्या बढ़कर 19 हो गई। बताया जा रहा है कि यह आंकड़ा और अधिक हो सकता है।

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेशी फायटर जेट ने उड़ान भरने के तुरंत बाद रिस्पॉन्स देना बंंद कर दिया। विमान हवा में ही रुक गया और पायलट उसपर अपना नियंत्रण खो बैठा। टावर ने उसे बाहर निकलने के लिए कहा, लेकिन विमान इतनी नीचे उड़ रहा था कि सुरक्षित बाहर निकलना संभव नहीं था। तक आपात स्थिति को संभालने की कोशिश करता रहा। दुर्भाग्य से, विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
इससे पहले फायर सर्विस कंट्रोल रूम के एक अधिकारी लीमा खानम ने ढाका ट्रिब्यून को बताया, ‘हमें दोपहर 1.18 बजे सूचना मिली कि उत्तरा में माइलस्टोन स्कूल और कॉलेज के पास एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।’


ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने सोशल मीडिया पर कई सारे वीडियो शेयर किए हैं। इसमें सेना के जवान कई घायल छात्रों को हादसे वाली जगह से ले जाते हुए नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कई घायल लोगों को बचाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उन्हें उत्तरा के हॉस्पिटल में ले जाया जा रहा है। उत्तरा, टोंगी, पल्लबी, कुर्मीटोला, मीरपुर और पुर्बाचल की फायर सर्विस की आठ यूनिट राहत एवं बचाव के काम में लगी हुई है। अभी तक यह साफ नहीं है कि विमान का पायलट मोहम्मद तौकीर इस्लाम विमान के गिरने से पहले बाहर निकलने में कामयाब रहा या नहीं।

माइलस्टोन कॉलेज के एक फिजिक्स के टीचर ने द डेली स्टार को बताया कि जब विमान कॉलेज परिसर से टकराया, तब वह दस मंजिला कॉलेज भवन के पास खड़े थे। कॉलेज के टीचर्स और कर्मचारी छात्रों को बचाने के लिए दौड़े। कुछ ही देर बाद सेना के जवान पहुंच गए और फिर फायर सर्विस डिपार्टमेंट के लोग भी बचाव अभियान में शामिल हो गए। टीचर ने बताया कि उन्होंने खुद कम से कम एक घायल छात्र को इमारत से बाहर निकाला व कई अन्य छात्रों और एक टीचर को भी गंभीर रूप से जली हुई हालत में देखा। वहां पर मौजूद अन्य लोगों ने बताया कि सेना के जवान घायल छात्रों को अपनी बाहों में उठाकर रिक्शा और अन्य वाहनों में ले जाते देखे गए।