आज शनिवार का दिन देश में वीकेंड यानी कुछ छुट्टी और अगले दिन संडे की मस्ती के लिए जाना जाता है। लेकिन देशभर में शुक्रवार शाम ओडिशा के बालासोर में हुई 3 ट्रेनों की भीषण भिड़ंत के बाद आज का दिन देशवासियों के लिए दुखद रहा। पूरा देश ओडिशा में ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों के प्रति सोशल मीडिया पर शोक संवेदनाएं प्रकट कर रहे हैं। जिसने भी इस हादसे के बारे में सुना सभी सहमे हुए हैं। देश ने लंबे समय के बाद एक बार फिर भयावह ट्रेन हादसे का मंजर देखा।

यह ट्रेन हादसा इतना भीषण था जिसने भी देखा रोंगटे खड़े हो गए। शुक्रवार, 2 जून को पूरा देश सामान्य गतिविधियों के साथ आगे बढ़ रहा था। शाम ढल चुकी थी। रात करीब 7 बजे ओडिशा ट्रेन त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर दिया। जैसे-जैसे रात बीतती गई सैकड़ों जिंदगी मौत के मुंह में समा गई। सैकड़ों यात्रियों का यह अंतिम सफर रहा। बता दें कि शुक्रवार शाम करीब 7 बजे ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के आपस में टकराने से भीषण हादसा हुआ है जिसमें अभी तक 288 लोगों की मौत हो गई है जबकि 900 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। अब करीब रेस्क्यू अभियान पूरा हो गया है।

बालासोर ट्रेन हादसा
• मौत – 288
• गंभीर चोट – 56
• मामूली चोट – 747
घटनास्थल का दौरा करने के बाद पीएम मोदी बालासोर के अस्पताल पहुंचे जहां घायलों को भर्ती कराया गया है। पीएम मोदी को अपने बीच पाकर कुछ घायल यात्री भावुक हो गए और वहीं रोने लगे। पीएम मोदी ने अस्पताल में भर्ती घायलों को ढांढस बंधाया। वो काफी देर तक वहां रुके रहे और डॉक्टरों से घायलों के इलाज की जानकारी भी ली।
ट्रेन दुर्घटना स्थल पर पीएम मोदी ने संक्षिप्त रूप से संबोधित करते हुए तल्ख लहजे में कहा कि रेल दुर्घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हम इस घटना से सबक लेंगे और व्यवस्था को सुधारेंगे। प्रधानमंत्री ने घायलों की मदद करने वालों को शुक्रिया कहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुर्घटनास्थल का जायजा लेने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों से बात की और फिर सड़क मार्ग से जिला मुख्य चिकित्सालय पहुंचे। प्रधानमंत्री मुख्य चिकित्सालय के सर्जरी वार्ड में गए और वहां पर घायलों का हालचाल पूछा।
इस दौरान सुरक्षा चाक चौबंद थी यहां तक कि मीडिया से जुड़े लोगों को भी नहीं जाने दिया गया।
बाद में प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए ओडिशा ट्रेन हादसे में दुख प्रकट करते हुए लिखा-
“ओडिशा में त्रासदी स्थल पर स्थिति का जायजा लिया। शब्द मेरे गहरे दुख पर कब्जा नहीं कर सकते। हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं उन सभी की सराहना करता हूं जो चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं, जमीन पर हैं और राहत कार्य में मदद कर रहे हैं”। पीएम मोदी के साथ केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद थे। बता दें कि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का गृह राज्य ओडिशा है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शनिवार को दुर्घटनास्थल पर पहुंचीं। उन्होंने कहा कि इस ट्रेन में एंटी कोलिशन डिवाइस नहीं था। अगर वह होता तो यह हादसा नहीं होता। हमारे राज्य के जिन लोगों की इस हादसे में मृत्यु हुई है, उनके परिजनों को हम पांच-पांच लाख रुपए देंगे। बता दें कि शुक्रवार शाम करीब 7:00 बजे ओडिशा के बहानगा बाजार स्टेशन पर इन ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है। ऐसे में दोनों ही ट्रेन की रफ्तार तेज थी। बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतर गई। पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से जा भिड़े। हादसे के समय डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। इन सबके बीच हादसे की संयुक्त जांच रिपोर्ट सामने आई है।

इस जांच रिपोर्ट में इस भीषण घटना के पीछे सिग्नल से संबंधित गलती सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक बहानगा बाजार स्टेशन पर मालगाड़ी लूप लाइन में खड़ी थी। इसी बीच चेन्नई से हावड़ा जा रही 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन पर पहुंची। हर स्टेशन पर दूसरी ट्रेन पास कराने के लिए लूप लाइन होती है। बहानगा बाजार स्टेशन पर अप और डाउन, दो लूप लाइन हैं। किसी भी ट्रेन को लूप लाइन पर तब खड़ा किया जाता है, जब किसी ट्रेन को स्टेशन से पास कराया जाना हो। बहानगा बाजार स्टेशन पर भी कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस को पास कराने के लिए मालगाड़ी को कॉमन लूप लाइन पर खड़ा कराया गया था। कोरोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से मेन अप लाइन से गुजर रही थी उस समय डाउन लाइन से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस भी गुजर रही थी।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बालासोर ट्रेन हादसे में हुई भारी जनहानि पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शोक संदेश भेजा। चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने भी पीएम नरेंद्र मोदी को शोक संदेश भेजा। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने ट्वीट कर हादसे पर दुख जताया और कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी जी, ओडिशा राज्य में हुए ट्रेन हादसे में कई लोगों की मौत और घायल होने की खबर सुनकर बहुत दुखी हूं। जापान सरकार और लोगों की ओर से मैं उन लोगों के परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं जिन्होंने अपनी जान गंवाई। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना करता हूं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘भारत में एक ट्रेन दुर्घटना में सैकड़ों लोगों की मौत से बेहद दुखी हूं। मैं इस त्रासदी में अपने प्रियजनों को खोने वाले शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। हादसे के बाद चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है। भारतीय वायुसेना द्वारा राहत और बचाव कार्यों के लिए 02 एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है। जमीनी स्तर पर रेलवे अधिकारियों के तालमेल के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया । रेल मंत्री ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

वहीं बालेश्वर से ट्रेन हादसे के घायलों को बसों से अलग-अलग जिलों में पहुंचा जा रहा था, तभी पश्चिम मेदिनीपुर में बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। पिकअप वैन और बस की आमने-सामने की टक्कर हो गई. इससे कई लोगों को मामूली चोटें आईं। हादसे के कारण नेशनल हाईवे-60 पर जाम लग गया।
हादसे से पहले करीब 115 किमी/घंटा थी कोरोमंडल एक्सप्रेस की रफ्तार
यात्री अनुभव दास ने बताया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस की रफ्तार लगभग 110-115 किमी प्रति घंटा थी. तभी अचानक हादसा हो गया. महज 30-40 सेकंड के भीतर हम इतने सारे लोगों को घायल हो गए। सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। हर जगह लोगों मदद के लिए चिल्लाते दिखे।

ओडिशा के बालासोर से पहले भी देश में कई जबरदस्त ट्रेन दुर्घटनाएं हो चुकी हैं—
ओडिशा के बालासोर में हुई 3 ट्रेनों की टक्कर से पहले भी देश में कई भीषण ट्रेन दुर्घटना हो चुकी हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा रेल हादसा माना जा रहा है। मृतकों की संख्या के हिसाब से यह अब तक का सबसे बड़ा रेल हादसा है। 13 जनवरी 2023- पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में 9 की मौत तो 36 घायल हो गए थे। 23 अगस्त 2017- दिल्ली की ओर जा रही कैफियात एक्सप्रेस के 9 डिब्बे पटरी से उतर गए थे।
औरैया में हुए हादसे में 70 लोग घायल हो गए थे। 18 अगस्त 2017- यूपी के मुजफ्फरनगर में पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इसमें 23 लोगों की मौत, 60 घायल हुए थे। 20 नवबर 2016- यूपी के कानपुर में इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 कोच पटरी से उतर गए थे। इसमें 150 यात्रियों की मौत हो गई थी और 150 से ज्यादा जख्मी हुए थे। 26 मई 2014- संतकबीर नगर इलाके में गोरखपुर जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से टकरा गई थी।
इसमें 25 यात्रियों की मौत हो गई थी जबकि 50 से ज्यादा घायल हुए थे। 22 मई 2012 – हुबली-बैंगलोर हम्पी एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश में एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरने और आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई थी। 43 घायल हुए थे। 7 जुलाई 2011- यूपी के एटा में मथुरा-छपरा एक्सप्रेस की एक बस से टक्कर हो गई थी। इसमें 69 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई घायल हो गए थे। 27 जनवरी 1982 को आगरा के पास माल गाड़ी और एक पैसेंजर ट्रेन की आमने-सामने की टक्कर हो गई थी।
इसमें 50 लोगों की मौत हो गई थी। 14 दिसंबर 1995 को मद्रास-कन्याकुमारी एक्सप्रेस सलेम के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। हादसे में 52 लोगों की जान चली गई थी। 14 दिसंबर 2004 को जम्मू तवी एक्सप्रेस और जालंधर-अमृतसर पैसेंजर ट्रेन की टक्कर में पंजाब के होशियारपुर में हो गई थी। इसमें 39 यात्रियों की मौत हो गई थी। 2 जून- 2023 को बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस सामे आ रही मालगाड़ी से टकरा गई। हादसे 238 की मौत और 900 से ज्यादा घायल हैं।