इस बार मोदी सरकार ने बजट में मध्यम वर्ग के आयकर दाताओं को पुरानी मांग पूरी कर दी। हर साल केंद्रीय बजट में मिडिल क्लास के लोगों की निगाहें इनकम टैक्स में छूट कितनी मिलेगी, लगी रहती है। आखिरकार 1 फरवरी साल 2025 दिन शनिवार को मध्यम वर्ग लोगों के लिए अच्छी खबर आ गई। शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पेश किए गए बजट में कई बड़े एलान किए गए। लेकिन सबसे ज्यादा आकर्षण इस बार टैक्स में दी गई बंपर छूट रही। कुल मिलाकर केंद्र सरकार इनकम टैक्स में छूट देने को लेकर मेहरबान रही। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार के बजट में मिडिल क्लास को खुश कर दिया । उनकी सारी मुरादें पूरी कर दी हैं। मिडिल क्लास के लोगों को उम्मीद से दो गुना नहीं बल्कि चार गुना एलान कर दिया ।
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(बजट में मिडिल क्लास के लिए बड़ा ऐलान- 12 लाख रु. तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं)
कहने का मतलब ये हुआ कि वित्त मंत्री ने मिडिल क्लास के लिए खजाना खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मध्यवर्गीय के लोगों को केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स में इतनी बड़ी छूट दे दी है कि अब वह आराम से पैसे की बचत भी कर सकेंगे। इस बजट में मोदी सरकार ने नौकरीपेशा लोगों को सीधा संदेश दिया कि 12 लाख रुपए तक सालाना कमाओ और “टैक्स का टेंशन” खत्म करो। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पेश किए गए बजट में इनकम टैक्स छूट को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया, जो कि पहले 7 लाख रुपये थी। सरकार के इस एलान के बाद अब एक लाख रुपये प्रति महीने कमाने वाले व्यक्ति को टैक्स नहीं देना होगा। वित्त मंत्री ने एलान किया है कि न्यू टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। निर्मला सीतारमण ने ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त मंत्री के इस एलान के साथ अब वेतन पाने वाले लोगों को 12.75 लाख रुपये तक (स्टैंडर्ड डिडक्शन) की आय पर टैक्स नहीं देना है। सरकार द्वारा वेतनभोगी लोगों को 75,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन की कटौती दी जाती है। अब नौकरीपेशा लोगों को नई टैक्स रिजीम चुनने पर सालाना 12.75 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। दूसरे और तीसरे स्लैब के टैक्स सरकार 87ए के तहत माफ कर देगी। इसके अलावा 75 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। इस तरह नौकरीपेशा लोगों की कुल 12.75 लाख रुपए की इनकम टैक्स फ्री हो जाएगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि राहत केवल नौकरीपेशा लोगों के लिए है। अन्य किसी भी जरिए से आमदनी होने पर टैक्स में छूट की सीमा केवल 12 लाख रुपए ही रहेगी। साथ ही अब सभी टैक्सपेयर्स पिछले 4 साल का आईटी रिटर्न एकसाथ फाइल कर सकेंगे। इससे पहले तक यह लिमिट 2 साल थी। वहीं सीनियर सिटीजंस के लिए टीडीएस की सीमा 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दी गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पेश किए गए बजट के बाद आयकर में दी गई राहत के बाद नौकरीपेशा वाले लोग गुणा-भाग करने में लग गए हैं। बजट भाषण की शुरुआत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने ‘ज्ञान’ से की। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस ‘जीवाईएएन’ पर यानि गरीब, यूथ, अन्नदाता और नारी पर होगा। 10 साल में हमने बहुमुखी विकास किया है और आगे भी हम इसे जारी रखेंगे।उन्होंने कहा, यह बजट सरकार की विकास को बढ़ाने, सभी के डेवलपमेंट, मिडिल क्लास की क्षमता को बढ़ाने के लिए समर्पित है। हमने इस सदी के 25 साल पूरा करने जा रहे हैं। हमारी विकसित भारत की उम्मीदों ने हमें प्रेरणा दी है। हमारी अर्थव्यवस्था सभी बड़ी इकोनमी में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। इसके साथ ही नए इनकम टैक्स बिल का एलान भी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया। उन्होंने कहा न्यू इनकम टैक्स बिल अगले हफ्ते लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंश्योरेंस सेक्टर के लिए एफडीआई की सीमा बढ़ाने जा रहे हैं। सरकार ने 7 टैरिफ रेट को हटाने का फैसला किया है। 8 टैरिफ रेट ही रह जाएंगे।
सोशल वेलफेयर सरचार्ज हटाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके साथ सरकार ने बजट में कैंसर की दवाएं सस्ती करने का एलान किया। अगले 3 साल में देश के सभी जिलों में कैंसर डे केयर सेंटर बनाए जाएंगे। अगले फाइनेंशियल इयर में ही ऐसे 200 सेंटर बनाए जाएंगे। सरकार का फोकस बिहार पर भी दिखा, जहां इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। सीतारमण ने बिहार के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी की स्थापना करने का ऐलान किया। राज्य में आईआईटी का विस्तार होगा। मखाना बोर्ड और 3 नए एयरपोर्ट भी बनाए जाएंगे। निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री के रूप में संसद में लगातार आठवीं बार बजट पेश किया। यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है। सरकार द्वारा इस बजट में हेल्थ से लेकर कृषि क्षेत्रों तक में कई बड़े बदलावों की घोषणा की गई हैं। वहीं आम लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए भी सरकार ने पूरे प्रयास किया है। बजट में बहुत सी चीजों को सस्ता किया गया है, जिससे लोगों को काफी ज्यादा राहत मिली है। बजट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने इस बजट की सराहना की और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को शुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ने कहा कि ये आम आदमी का बजट है। उन्होंने कहा कि सभी आय वर्ग के लोगों को इससे फायदा हुआ है। इस बजट से आत्मनिर्भर भारत के सपने को नई गति मिलेगी। वहीं उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बजट पर सरकार को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि ये बजट मध्यम वर्ग के लिए बड़ी सौगात है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी और सशक्त नेतृत्व में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए केंद्रीय बजट 2025-26 के अंतर्गत 12 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
नई टैक्स रिजीम के तहत 0-4 लाख रुपये की आय पर टैक्स शून्य होगा–
वित्त मंत्री ने कहा कि नई टैक्स रिजीम के तहत 0-4 लाख रुपये की आय पर टैक्स शून्य होगा। वहीं, 4-8 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत, 8-12 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत, 12-16 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत, 16-20 लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत, 20-24 लाख रुपये की आय पर 25 प्रतिशत और 24 लाख से अधिक की आय पर टैक्स की दर 30 प्रतिशत होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नई टैक्स रिजीम के तहत किए गए इस बदलाव के बाद 12 लाख रुपये की आय पर 80,000 रुपये की बचत होगी। वहीं, 18 लाख रुपये की आय पर 70,000 रुपये, 25 लाख रुपये की आय पर 1,10,000 रुपये की बचत होगी। बता दें कि बजट पेश किए जाने से पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि सरकार नई टैक्स रिजीम को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना चाहती है, इनकम ढांचे में फिलहाल संभावित बदलाव की भी बात की जा रही थी। कहा जा रहा था कि नए स्लैब के तहत टैक्स दरों में कुछ संशोधन किए जाने की भी उम्मीद है। ऐसा हुआ तो करदाताओं पर टैक्स का बोझ कम होगा और लोगों के हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे। हालांकि ये बदलाव न्यू टैक्स रिजीम में किया गया है। ओल्ड टैक्स रिजीम में बदलाव नहीं हुआ है।
बजट में नई योजनाओं के साथ मुख्य फोकस किसान और महिलाओं पर रहा–
बजट में मोदी सरकार ने कई नई योजनाओं की घोषणा की है। मोदी सरकार की ओर घोषित की गईं साल 2025 की नई योजनाओं को मुख्य फोकस किसान और महिला हैं। बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार पहली बार उद्यम शुरू करने वाली पांच लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के लिए दो करोड़ रुपये का ऋण शुरू करेगी। वित्त मंत्री ने 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए यह भी कहा कि एसएमई और बड़े उद्योगों के लिए एक विनिर्माण मिशन स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा सरकार श्रम-प्रधान क्षेत्रों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सुविधाजनक उपाय करेगी। उन्होंने कहा कि ऋण गारंटी ‘कवर’ को दोगुना करके 20 करोड़ रुपये किया जाएगा तथा गारंटी शुल्क को घटाकर एक प्रतिशत किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार पहली बार उद्यम शुरू करने वाली पांच लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के लिए दो करोड़ रुपये का ऋण शुरू करेगी। वित्त मंत्री ने 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए यह भी कहा कि एसएमई और बड़े उद्योगों के लिए एक विनिर्माण मिशन स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा सरकार श्रम-प्रधान क्षेत्रों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सुविधाजनक उपाय करेगी। उन्होंने कहा कि ऋण गारंटी ‘कवर’ को दोगुना करके 20 करोड़ रुपये किया जाएगा तथा गारंटी शुल्क को घटाकर एक प्रतिशत किया जाएगा। वहीं वित्त मंत्री ने बजट की शुरुआत में ही किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं कर दी हैं। सरकार ने किसानों के लिए धन धान्य योजना की शुरुआत की है।
इस योजना के तहत कम पैदावार, आधुनिक फसल गहनता और औसत से कम ऋण मापदंडों वाले 100 जिले शामिल किए जाएंगे, जिससे 1.7 करोड़ किसानों को फायदा होने वाला है। इस बजट में सरकार ने किसानों को खुश करते हुए किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है। ऐसे में अब किसान किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 5 लाख तक की लोन ले सकते हैं। सरकार के इस फैसले से किसानों को काफी फायदा होने वाला है। बजट में सरकार ने किसानों के लिए और भी कई बड़े ऐलान किए हैं। इसमें जन धान्य योजना की घोषणा, कृषि कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों की मदद, कम उत्पादकता वाले 100 जिलों को कवर करने के लिए कृषि योजना शामिल है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना सरकार द्वारा साल 1998 में शुरू की गई थी। इस योजना के माध्यम में सरकार द्वारा किसानों को लोन दिया जाता है। लोन की रकम का इस्तेमाल किसान खेती करने में कर सकते हैं। योजना की खास बात यह है कि इस योजना के तहत किसानों को काफी कम ब्याज दर पर लोन दिया जाता है, जिससे किसानों पर वित्तीय बोझ भी नहीं आता है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों को 9 प्रतिशत की ब्याज दर पर खेती के लिए लोन दिया जाता है। वहीं साथ में 2 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जाती है। इसक अलावा कर्ज समय से कर्ज चुकाने पर ब्याज दर में 3 प्रतिशत की कटौती भी की जाती है। ऐसे में किसान इस योजना के तहत केवल 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं।
मोदी सरकार ने 36 जीवन रक्षक दावों को कस्टम ड्यूटी से हटाया—
बजट में इस बार सरकार ने 36 जीवनरक्षक दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटा दी है। इससे ये दवाएं सस्ती होंगी। वहीं, ड्यूटी घटने से आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी), एलसीडी-एलईडी टीवी और मोबाइल फोन भी सस्ते हो सकते हैं। उधर, सरकार ने इंटरेक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 20% कर दी है, जिससे ये महंगा होगा। हालांकि ये प्रोडक्ट कितने सस्ते या महंगे होंगे, ये तय नहीं है। सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में जीएसटी लागू किया था, जिसके बाद से बजट में केवल कस्टम ड्यूटी बढ़ाई-घटाई जाती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है। उल्लेखनीय है कि बजट में कोई भी प्रोडक्ट सीधे तौर पर सस्ता-महंगा नहीं होता। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी जैसे इनडायरेक्ट टैक्स के घटने-बढ़ने से चीजें सस्ती-महंगी होती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है। मान लीजिए, सरकार ने बजट में एलान किया कि वो गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी में 10% की कटौती कर रही है। इसका असर ये होगा कि विदेश से सोना मंगाना 10% सस्ता हो जाएगा। यानी, सोने की ज्वेलरी, बिस्किट, सिक्के की कीमतें कम हो जाएगी। बजट 2025 में कौन कौन से सामान महंगे हुए हैं, इसे लेकर इस बजट में वित्त मंत्री द्वारा कोई भी घोषणा नहीं की गई हैं। ऐसे में इस बजट 2025 से आम लोगों को काफी राहत मिली है। सरकार ने इस बजट में बहुत सी चीजों को सस्ता कर दिया है, जिससे मिडिल क्लास लोगों को काफी फायदा होगा। 82 सामानों पर से इस बजट में टैक्स को हटाया गया है।इसके अलावा बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की क सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया गया। सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और टर्नओवर सीमा को क्रमशः 2.5 और 2 गुना बढ़ाया जाएगा। साथ ही कहा कि सरकार पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए 5 लाख रुपये की सीमा वाले कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड पेश करेगी। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि 2047 तक 100 गीगावाट की न्यूक्लिर एनर्जी क्षमता विकसित करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ स्मॉल मॉड्यूरल रिएक्टर्स के रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए न्यूक्लिर एनर्जी मिशन की स्थापना की जाएगी। 2033 तक पांच छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर चालू हो जाएंगे। बजट में वित्त मंत्री द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे किसानों को सस्ता लोन पाने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार ने बजट में बिहार के लिए खोला खजाना–
राज्यों के हिसाब से देखें तो बजट 2025–26 में सबसे ज्यादा फायदा बिहार को हुआ है। बिहार के लिए कई घोषणाएं की गईं हैं। वित्त मंत्री ने बिहार के लिए मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा की जबकि राज्य में नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाए जाएंगे। इसके अलावा पटना आईआईटी और पटना एयरपोर्ट का भी विस्तार किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि मखाना के उत्पादन, विपणन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा। माना जा रहा है कि यह घोषणा बिहार के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी और मखाना बोर्ड के गठन होने से किसानों को और भी लाभ हो सकते हैं। बिहार में फिलहाल लगभग 35 हजार हेक्टेयर में मखाने की खेती होती है। 25 हजार किसान इससे जुड़े हुए हैं। देश में सबसे अधिक मखाना उत्पादन करने वाला राज्य बिहार है। लगातार बाढ़ की विभीषिका झेलते रहने वाले बिहार के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पश्चिमी कोशी नहर ईआरएम परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की भी घोषणा की, जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करने वाले बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिलेगा। वित्त मंत्री सीतारमण ने बिहार में एयरपोर्ट सेवाओं में विस्तार करने की घोषणा की है। उड़ान स्कीम के तहत देश के 120 नए स्थानों को एयरसेवा से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बजट में पटना एयरपोर्ट की क्षमता में व्यापक विस्तार करने की घोषणा की तथा बिहटा में ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने का भी ऐलान किया। केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने पटना स्थित आईआईटी का विस्तार करने का ऐलान किया। केंद्र सरकार के फैसले से बिहार के युवाओं को काफी सुविधा होगी। वहीं केंद्र सरकार ने बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान की स्थापना का फैसला लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 के बाद खोले 5 आईआईटी में अतिरिक्त इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा। इससे 6500 और छात्रों को शिक्षा मिलेगी। हॉस्टल और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया जाएगा।