दोस्तों बहुत लंबा अरसा हो गया है हमने आपसे देश में बेरोजगारी की विकराल समस्या को लेकर चर्चा नहीं की है। आइए आज बेरोजगारी को लेकर ही वास्तविक स्थिति को जान लिया जाए। मंगलवार को मध्य प्रदेश राज्य से एक ऐसी तस्वीर आई जिसमें सरकारी चपरासी और ड्राइवर बनने के लिए कड़कड़ाती ठंड में पढ़े-लिखे युवाओं की कतार लगी हुई थी। आवेदन करने वाले अधिकांश अभ्यर्थियों के पास डिग्री देखकर आप हैरान हो जाएंगे। बता दें किमध्य प्रदेश में बेरोजगार युवा सिस्टम की मार झेल रहे हैं क्योंकि यहां बेरोजगारी सिर्फ एक शब्द नहीं बल्कि अपशब्द बन गया है। उसी बेरोजगारी से हारकर उच्च डिग्री धारी नौजवानों को सरकार ने एक लाइन में खड़ा कर दिया है। वो लाइन जहां बीए-एमए पास को चपरासी बनने के लिए, बीएड पास को माली बनने के लिए, पीएचडी पास को स्वीपर बनने के लिए, डबल एमए पास नौजवान को ड्राइवर के बनने के लिए लाचार होकर खड़ा होना पड़ रहा है। जिला एवं सत्र न्यायालय में जमीन पर युवा लाइन लगाकर बैठे दिखे, जिनके पास फाइल में डिग्रियां तो ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, एलएलबी, बीटेक की थीं लेकिन ये ग्वालियर की अदालत में माली, चपरासी, ड्राइवर और स्वीपर की भर्ती का इंटरव्यू देने आए थे। बता दें ग्वालियर में प्यून, माली, ड्राइवर, स्वीपर की 15 पोस्ट थीं जहां 11 हजार हाईली क्वालिफाइड युवा आवेदन करने पहुंचे थे। लाइन में खड़े सभी उच्च शिक्षित डिग्री धारियों के मन में मलाल तो था लेकिन क्या करें बेरोजगारी की वजह से चपरासी ड्राइवर की नौकरी पाने के लिए आना पड़ा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है देश में बेरोजगारी की समस्या जस की तस बनी हुई है। सरकारों की ओर से दावे बहुत की जाते हैं लेकिन वास्तविक हकीकत में स्थित अभी भी संतोषजनक भी नहीं है।
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