उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) का पेपर लीक प्रकरण राज्य की साख और युवाओं के भविष्य पर गहरी चोट कर गया। सरकारी नौकरी का सपना देखने वाले हजारों युवाओं के साथ आगे धोखा न हो, इसके लिए सीएम ने सीबीआई जांच की भी संस्तुति कर दी है। इस प्रकरण ने न सिर्फ सिस्टम की पोल खोली बल्कि आयोग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े किए। अब जब दोबारा से परीक्षाओं की बारी आई है तो UKSSSC ने सख्त तेवर अपनाते हुए नए नियम और कड़े इंतजाम किए हैं, ताकि भविष्य में कोई भी उम्मीदवार या माफिया गड़बड़ी न कर सके।
पेपर लीक प्रकरण की पृष्ठभूमि: उत्तराखंड में हाल ही में पेपर लीक कांड के बाद से ही सरकार के खिलाफ बेरोजगारों ने धरना दिया था। जिसके बाद सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच की संस्तुति दी है। इस मामले में कई लोगों पर कार्रवाई भी हुई है, जिसके बाद अब आयोग को, अभ्यर्थियों के मन में उठ रहे सवाल और आने वाले दिनों में होने वाली परीक्षा में फिर से कोई विवाद ना हो, इसका ध्यान रखना होगा। इसलिए छात्रों को भी अब एग्जाम वाले दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना अनिवार्य है। इसके लिए आयोग ने पेपर लीक जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कई नए और सख्त कदम उठाए हैं।
बायोमेट्रिक और फिजिकल चेकिंग: हर कैंडिडेट का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य होगा। परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र पर पहुंचते ही फिंगरप्रिंट और फोटो स्कैन के जरिए वेरीफाई किया जाएगा। प्रवेश से पहले उनकी पूरी तलाशी ली जाएगी। उम्मीदवारों को जूते-चप्पल उतारकर चेकिंग से गुजरना होगा।
परीक्षा केंद्र की सैनिटाइजेशन और सुरक्षा: परीक्षा से एक दिन पहले प्रत्येक परीक्षा केंद्र को पूरी तरह से सैनिटाइज और जांचा जाएगा। अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे। जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खुद इस प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।
मोबाइल जैमर का इस्तेमाल: प्रश्नपत्र की नकल या लीक को रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल नेटवर्क ब्लॉक करने वाले जैमर लगाए जाएंगे। इससे इंटरनेट या कॉल के जरिए कोई भी बाहरी संपर्क करना असंभव होगा।

