New Delhi Railway Station stampede दुखद हादसा  : महाकुंभ में जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के बाद 18 लोगों की मौत, मरने वालों में 14 महिलाएं शामिल, ट्रेन पकड़ने की जल्दी में भीड़ हुई बेकाबू, वीडियो - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
February 19, 2025
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New Delhi Railway Station stampede दुखद हादसा  : महाकुंभ में जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के बाद 18 लोगों की मौत, मरने वालों में 14 महिलाएं शामिल, ट्रेन पकड़ने की जल्दी में भीड़ हुई बेकाबू, वीडियो




उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का समापन अब अंतिम चरणों में आ गया है। लेकिन दुखद हादसों का दौर खत्म नहीं हो रहा है। महाकुंभ में जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के बाद 18 लोगों की जान चली गई है। यह घटना देश की राजधानी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात करीब 9:30 बजे हुई। मरने वालों में 14 महिलाएं और तीन बच्चे भी शामिल हैं। 25 से ज्यादा लोग घायल भी हो गए हैं।

इस दुखद घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम नेताओं ने गहरा शोक जताया है। यह हादसा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 13, 14 और 15 के बीच हुआ। महाकुंभ जाने के लिए स्टेशन पर शाम 4 बजे से भीड़ जुटने लगी थी। रात को करीब 8:30 बजे प्रयागराज जाने वाली 3 ट्रेनें लेट हो गईं, जिससे भीड़ बढ़ी और भगदड़ मच गई। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ट्वीट कर मौत पर संवेदना व्यक्त की। इसके 20 मिनट बाद ही लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल ने 15 लोगों के मौत की पुष्टि की। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इससे पहले 29 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ में 30 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 10 फरवरी 2013 को कुंभ के दौरान प्रयागराज स्टेशन पर भगदड़ मची थी। हादसे में 36 लोग मारे गए थे। वहीं दूसरी ओर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की घटना पर रेलवे ने मुआवजे का एलान किया है। रेलवे ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। वहीं गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

हादसे के बाद घायल हुए यात्री मदद के लिए भटकते रहे, रेल विभाग और पुलिस के सभी इंतजाम फेल–


नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे में घायल हुए यात्री मदद के लिए इधर-उधर भटक रहे थे, तो दूसरी तरफ घायल दर्द से चीख रहे थे। अपनों को अस्पताल पहुंचाने के लिए स्वजन मददगार ढूंढ रहे थे। लेकिन, आलम यह था कि उन्हें न तो मदद के लिए जवान मिल रहे थे और न ही कहीं एंबुलेंस मिली। ऐसे में कोई पैदल तो कोई निजी वाहनों से अपनों को अस्पताल पहुंचाने की कोशिश में जुटा हुआ था। ये हालात तब थे, जबकि प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों को लेकर स्टेशन पर पिछले कुछ दिनों से लगातार भीड़ बढ़ रही थी। लापरवाही का आलम यहां तक था कि भगदड़ से घायल हुए लोगों को अस्पताल ले जाने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं थे, जिससे कई लोग समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सके। शनिवार को भी शाम से ही स्टेशन पर भीड़ लगातार बढ़ रही थी मगर वहां पर न तो रेलवे की तरफ से और न ही रेलवे पुलिस की तरफ से सुरक्षा के कोई इंतजाम किए गए थे। इन प्लेटफार्म पर इक्का-दुक्का ही पुलिस वाले नजर आ रहे थे, जबकि जिस तरह से भीड़ वहां बढ़ रही थी तो हर प्लेटफार्म पर कम से कम 30 से 40 पुलिसकर्मी तैनात होने चाहिए थे, वहीं रेलवे के कर्मचारी भी नदारद थे।



सवाल यह उठता है कि रेलवे और रेलवे पुलिस को यह जानकारी कैसे नहीं हो सकी कि रेलवे स्टेशन पर अत्यधिक भीड़ हो चुकी है। लापरवाही का आलम यह भी रहा कि जो लोग इस घटना में घायल हुए थे, उनको अस्पताल पहुंचने में भी काफी देरी हुई, क्योंकि रेलवे स्टेशन पर केवल एक ही एंबुलेंस उपलब्ध थी जबकि इस माहौल में वहां पर एंबुलेंस की संख्या नहीं बढ़ाई गई।
कोई घायलों को ऑटो से लेकर अस्पताल भागा तो कोई वहां अपनी सवारी छोड़ने आए लोगों के निजी वाहनों का सहारा लेकर अस्पताल पहुंचा। हैरानी की बात तो यह है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी प्रशासन को कोई खबर तक नहीं थी। प्रशासन की भी नींद तब खुली जब लोकनायक पहुंचे घायलों में 18 लोगों की मौत की पुष्टि हुई। इसके बाद आननफानन में रेलवे स्टेशन पर 50 के करीब एंबुलेंस भेजी गईं। एनडीआरएफ, पुलिस और अन्य एजेंसियां रेलवे स्टेशन पर पहुंचीं। सवाल उठ रहा है कि इंतजाम को पहले क्यों नहीं किए गए? जबकि भीड़ बढ़ रही थी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से मची भगदड़ में मरने वालों के नाम–



आहा देवी (79 वर्ष) पत्नी रविन्दी नाथ निवासी बक्सर, बिहार
2. पिंकी देवी (41 वर्ष) पत्नी उपेन्द्र शर्मा निवासी संगम विहार, दिल्ली
3. शीला देवी (50 वर्ष) पत्नी उमेश गिरी निवासी सरिता विहार, दिल्ली
4. व्योम (25 वर्ष) पुत्र धर्मवीर निवासी बवाना, दिल्ली
5. पूनम देवी (40 वर्ष) पत्नी मेघनाथ निवासी सारण, बिहार
6. ललिता देवी (35 वर्ष) पत्नी संतोष निवासी परना, बिहार
7. सुरुचि पुत्री (11 वर्ष) मनोज शाह निवासी मुजफ्फरपुर, बिहार
8. कृष्णा देवी (40 वर्ष) पत्नी विजय शाह निवासी समस्तीपुर, बिहार
9. विजय साह (15 वर्ष) पुत्र राम सरूप साह निवासी समस्तीपुर, बिहार
10. नीरज (12 वर्ष) पुत्र इंद्रजीत पासवान निवासी वैशाली, बिहार
11. शांति देवी (40 वर्ष) पत्नी राज कुमार मांझी निवासी नवादा, बिहार
12. पूजा कुमार (8 वर्ष) पुत्री राज कुमार मांझी निवासी नवादा, बिहार


13. संगीता मलिक (34 वर्ष) पत्नी मोहित मलिक निवासी भिवानी, हरियाणा
14. पूनम (34 वर्ष) पत्नी वीरेंद्र सिंह निवासी महावीर एन्क्लेव, दिल्ली
15. ममता झा (40 वर्ष) पत्नी विपिन झा निवासी नांगलोई, दिल्ली
16. रिया सिंह (7 वर्ष) पुत्री ओपिल सिंह निवासी सागरपुर, दिल्ली
17. बेबी कुमारी (24 वर्ष) पुत्री प्रभु साह निवासी बिजवासन, दिल्ली
18. मनोज (47 वर्ष) पुत्र पंचदेव कुशवाह निवासी नांगलोई, दिल्ली

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