(Guru Purnima special) : आज पूरे देश भर में गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। प्राचीन काल से ही हमारे देश में गुरुओं का पूजन करने की परंपरा रही है। आज विद्यालयों और आश्रमों आदि में शिष्य अपने गुरुओं का सम्मान करते हुए आशीर्वाद ले रहे हैं। गुरु का शिष्य पर आशीर्वाद सदैव बना रहता है। कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी गुरु की दिखाई राह शिष्य के लिए प्रेरणादाई होती है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। महाभारत के रचयिता वेदव्यास जन्म दिवस पर गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। वेद और पुराणों में गुरु की महिमा का वर्णन मिलता है। प्रथम गुरु शिव, दूसरे दत्तात्रेय थे। श्रीराम और श्रीकृष्ण ने गुरु की शरण में रहकर ही ज्ञान और शक्ति को प्राप्त किया था। गुरु शब्द का अर्थ होता है, ‘अंधकार को हटाना’ इसलिए गुरु वो होता है जो अज्ञान को दूर करके, लोगों के जीवन में ज्ञान का संचार करता है। व्यक्ति के जीवन में मोक्ष प्राप्ति और जीवन के हर कठिन मार्ग पर दिशा निर्देश देने के लिए गुरु का साथ बहुत महत्वपूर्ण होता है। गुरु पूर्णिमा के दिन लोग गंगा नदी या किसी अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और उसके बाद जरूरत मंद लोगों को दान देते हैं। इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है। शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करते हैं। लोग अपने गुरु को यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करते हैं । शिष्य अपने सारे अवगुणों का त्याग भी करते हैं। वहीं गोस्वामी तुलसीदास जी ने राम चरित मानस और हनुमान चालीसा के प्रारंभ में ही गुरु वंदना की है। उन्होंने कहा है कि अगर किसी का गुरु नहीं है तो वह हनुमान जी को अपना गुरु बना सकता है। आज गुरु पूर्णिमा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके बधाई दी है।


पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा कि गुरु पुर्णिमा की बधाई। यह उन सभी अनुकरणीय गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है, जिन्होंने हमें प्रेरित किया, हमें मार्ग दिखाया और हमें जीवन के बारे में इतना कुछ सिखाया। हमारा समाज सीखने और ज्ञान अर्जित करने को अत्यधिक महत्व देता है। कामना करता हूं कि हमारे गुरुओं का आशीर्वाद भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गुरु पूर्णिमा पर हार्दिक बधाई दी है। सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि सभ्यताओं का उदय संस्कृतियों का उत्कर्ष वह महान विभूतियों का निर्माण पूज्य गुरुजनों के आशीर्वाद और मार्गदर्शन में ही होता है अपने तप त्याग और ज्ञान के आलोक से मानव समाज का उद्धार कर रहे सभी देव तुल्य गुरुओं को नमन।