(Himachal Pradesh 25 October 1951 first vote) : हिमाचल प्रदेश में लोकतंत्र का उत्सव पूरे चरम पर है। यहां आज विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन का आखिरी दिन है। आपको यह भी बता दें कि आज 25 अक्टूबर है। भारतीय लोकतंत्र के लिए यह तारीख इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज है। हिमाचल प्रदेश ने ही पूरे देश भर में 25 अक्टूबर को लोकतंत्र की शुरुआत की थी। आज ही के दिन 1951 में चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई थी, जब हिमाचल प्रदेश के चिनी में श्याम शरण नेगी ने पहला वोट डाला गया था। 25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 तक, यानी करीब चार महीने चली उस चुनाव प्रक्रिया ने पूरी दुनिया के लोकतांत्रिक देशों की कतार में भारत को ला खड़ा किया था। बता दें किया एक जुलाई, 1917 को कल्पा में जन्में श्याम सरण नेगी ने पहला वोट 25 अक्तूबर, 1951 को ब्रिटिश शासन की समाप्ति के बाद हुए पहले चुनाव में डाला था। कल्पा जनजातीय जिले का हिस्सा है। यहां बर्फबारी होने से पहले ही मतदान प्रक्रिया हो गई थी।

श्याम सरण नेगी ने सबसे पहले वोट डाला था। गौरतलब है कि आजादी के बाद देश में फरवरी 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ, लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के चलते पांच महीने पहले सितंबर 1951 में ही चुनाव हो गए। पहले चुनाव के समय श्याम सरण नेगी किन्नौर के मूरंग स्कूल में अध्यापक थे और चुनाव में उनकी ड्यूटी लगी थी। उन्हें वोट देने का भी शौक था। उनकी ड्यूटी शौंगठोंग से मूरंग तक थी, जबकि वोट कल्पा में था। देश के पहले वोटर श्याम शरण नेगी 104 साल के हो गए हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी नेगी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। गौरतलब है कि देश के पहले लोकसभा आम चुनाव में 497 तथा राज्य विधानसभाओं की 3,283 सीटों के लिए देश के 17 करोड़ 32 लाख 12 हजार 343 रजिस्टर्ड वोटर थे। कुल 68 फेज में वोटिंग हुई थी। कांग्रेस ने 364 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया।