पिछले 9 दिनों से उलझी महाराष्ट्र की सियासत की तस्वीर अब साफ होने लगी है। राज्य में दो या तीन दिनों के भीतर नई सरकार का गठन हो जाएगा। सोमवार को भाजपा हाई कमान ने महाराष्ट्र के लिए दो अपने खास पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। दोनों पर्यवेक्षक कल मुंबई पहुंचेंगे।
अब प्रदेश में भाजपा जल्द अपना विधायक दल का नेता चुनेगी। अभी तक महाराष्ट्र के सीएम का एलान नहीं हुआ है। मगर माना जा रहा है कि अगला मुख्यमंत्री भाजपा से ही होगा। मुंबई में आगामी 4 दिसम्बर की तारीख को महाराष्ट्र में बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी।
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि नई महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह पांच दिसंबर की शाम को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में होगा। भाजपा विधायक समारोह से पहले अपने नेता का चुनाव करने के लिए मिलेंगे। हालांकि पार्टी ने सीएम चेहरे की कोई घोषणा नहीं की है। मगर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीएम की रेस में सबसे आगे हैं। उम्मीद है कि शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को डिप्टी सीएम का पद दिया जाएगा। बीजेपी ने देवेंद्र के साथ आज एनसीपी प्रमुख अजित पवार को दिल्ली बुलाया। पवार नए मंत्रिमंडल में वित्त मंत्रालय के साथ सरकार में शामिल हो सकते हैं। शिवसेना का कहना है कि बीजेपी ने दिल्ली वाली मीटिंग के लिए नहीं बुलाया है, इसलिए वह दूर ही रहे। इससे पहले शिवसेना की ओर बताया गया कि शिंदे बीमार चल रहे हैं, इसलिए वह मुंबई में होने वाली महायुति की मीटिंग में शामिल नहीं हो सके। महाराष्ट्र चुनाव में महायुति को प्रचंड जीत मिली थी।
बीजेपी को 132, शिवसेना (शिंदे) को 57 और एनसीपी को 41 सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद कई निर्दलीय उम्मीदवारों ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री और शिवसेना के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा है कि नए मुख्यमंत्री के बारे में भाजपा जो भी फैसला करेगी वह उसका पूरा समर्थन करेंगे। शिंदे ने दावा किया कि सरकार के गठन को लेकर महायुति के सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं है। वहीं, दूसरी ओर एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने खुद को उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने संबंधी अटकलों को खारिज कर दिया है।