18 जुलाई से संसद का मानसून सत्र चल रहा है। आए दिन सदन में विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच विभिन्न मुद्दों पर शोर शराबा और हंगामा सुनने को मिलता है। लेकिन आज सुबह राज्यसभा में कुछ बदला हुआ नजारा था। आज सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की विदाई समारोह में बहुत ही अनुशासित नजर आए। आज सदन में मौजूद सभी सांसदों ने वेंकैया नायडू के कार्यकाल को याद कर उन्हें इमोशनल कर दिया। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को राज्यसभा में विदाई दी गई। नायडू बुधवार, 10 अगस्त को उपराष्ट्रपति का पद छोड़ देंगे। देश के नवनियुक्त 14वें उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए जगदीप धनखड़ 11 अगस्त को शपथ लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और तमाम नेताओं ने विदाई भाषण दिया। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने जब स्पीच दी तो वेंकैया भावुक हो गए और अपने आंसू पोंछने लगे। इस दौरान सदन में मौजूद सभी सांसद मायूस भी थे। “बता दें कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने वेंकैया नायडू के बचपन की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि जब नायडू महज एक साल के थे, तब उनकी मां की मौत हो गई थी। डेरेक ने कहा कि गांव में एक परिवार था, जिसके पास आठ बैल थे। एक दिन इनमें से एक भड़क गया और महिला के पेट में सींग से हमला कर दिया। उसकी गोद में एक साल का बच्चा था। उसे वहीं छोड़कर महिला को अस्पताल ले जाया गया, पर उसकी मौत हो गई। वो बच्चा वेंकैया नायडू थे”। टीएमसी सांसद की बातें सुनकर राज्यसभा में मौजूद सभी सदस्य कुछ समय के लिए भावुक हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेंकैया नायडू के कार्यकाल को याद करते हुए अपने अनुभव साझा किए। एम वैंकेया नायडू की विदाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में भाषण दिया। पीएम मोदी ने कहा कि आज हम सब सदन के सभापति और देश के उपराष्ट्रपति के कार्यकाल की समाप्ति पर उन्हें धन्यवाद देने के लिए उपस्थित हुए हैं। ये सदन के लिए बहुत ही भावुक पल हैं। उन्होंने कहा कि इस सदन को नेतृत्व देने की आपकी जिम्मेदारी भले ही पूरी हो रही हो, लेकिन आपके अनुभवों का लाभ भविष्य में हमें लंबे समय तक मिलता रहेगा। हम जैसे अनेक सार्वजनिक जीवन के कार्यकर्ताओं को भी मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि एम वैंकैया नायडू ऐसे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने अपनी सभी भूमिकाओं में हमेशा युवाओं के लिए काम किया। सदन में भी युवा सांसदों को आगे बढ़ाया और प्रोत्साहन दिया ।