उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं के बीच
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई ऐतिहासिक फैसलों और बड़ी उपलब्धियों के साथ दूसरे कार्यकाल का 3 साल पूरा कर लिया है। सॉफ्ट छवि वाले पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के विकास के हित में बड़े फैसले लेकर पार्टी में एक लोकप्रिय नेता के रूप में स्थापित कर लिया है। शनिवार को राजधानी देहरादून में जब मुख्यमंत्री धामी अपनी सरकार की तीन साल की उपलब्धियां गिना रहे थे जब उनके चेहरे पर आत्मविश्वास के भाव थे । आने वाले दिनों में जल्द ही धामी सरकार का मंत्रिमंडल बड़ा होने जा रहा है। राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कई दिनों से तैयारी चल रही थी । लेकिन ऐनमौके पर मंत्रिमंडल विस्तार कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया। हर चीज का वक्त मुकर्रर है। शपथ ग्रहण समारोह के लिए स्टेज सजने लगा था । राज्यपाल को भी शपथ समारोह के लिए सूचित कर दिया गया। बाद मंत्रिमंडल विस्तार की हो तो कई विधायकों ने मंत्री बनने की तैयारी भी शुरू कर दी। जाहिर है मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री बनने की सभी की इच्छाएं जाग जाती हैं।
राजधानी देहरादून से लेकर दिल्ली तक मुख्यमंत्री, विधायकों की दौड़ भी शुरू हो गई । 10 दिनों तक उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार ट्रेंडिंग में रहा । मौजूदा राजनीति में ब्रांडिंग के साथ ट्रेडिंग का खूब बोलबाला है। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिनों तक दिल्ली में डटे रहे। लेकिन दिल्ली आलाकमान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्दबाजी में मंत्रिमंडल विस्तार करने की हरी झंडी नहीं दी। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि रविवार 23 मार्च को धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल के तीन साल पूरे होने से पहले मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। भाजपा की राजनीतिक मजबूरियां भी थी। हाईकमान को उत्तराखंड में जातीय के समीकरण क्षेत्रीय समीकरण भी साधने थे । विधानसभा चुनाव 2027 के मद्देनजर कुछ नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल किए जाएंगे।
इसके पीछे की मकसद यह है कि मंत्रिमंडल से पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व हो सकेगा और पार्टी और विधायकों में नाराजगी भी कम रहेगी। विधायक अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए पार्टी के आलाकमान के पास अपना दावा कर रहे हैं। भाजपा रणनीतिकार तैयार नहीं थे। दिल्ली बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने धामी सरकार से कहा पहले 3 साल का जश्न मनाइए मंत्रिमंडल विस्तार बाद में कर लेंगे। पार्टी हाईकमान नहीं चाहता कि धामी सरकार के 3 साल जश्न समारोह से पहले मंत्रिमंडल विस्तार हो । मंत्रिमंडल में कई विधायक मंत्री बनने के लिए तैयारी किए हुए हैं। और उनका मंत्रिमंडल में नंबर नहीं आ पाता तो नाराजगी भी झेलनी पड़ सकती थी। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड का मंत्रिमंडल विस्तार कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। अब संभावना जताई जा रही है कि इसी महीने के आखिर में या नवरात्रि में मंत्रिमंडल विस्तार होगा। फिलहाल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने दूसरे कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे कर चुके हैं। 23 मार्च साल 2022 को पुष्कर सिंह धामी ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी। सीएम धामी के लिए यह तीन साल बड़ी उपलब्धियों भर हुए हैं । अपने दूसरे कार्यकाल में उत्तराखंड की धामी सरकार ने कई ऐतिहासिक और बड़े फैसले किए जिनकी गूंज राज्य में नहीं बल्कि पूरे देश भर में सुनाई दी ।
धामी सरकार के फैसले अन्य राज्यों के लिए नजीर बन गए हैं। इसके साथ मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड को विकसित बनाने में पूरी जान लगा दी है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह संगठन के तमाम नेताओं और पार्टी के रणनीतिकारों में सीएम धामी के फैसले सराहे जा रहे हैं। सही मायने में मुख्यमंत्री के लिए जश्न मनाने का सही मौका है । हाल के समय में उत्तराखंड सरकार ने एक के बाद एक कई बड़े ऐतिहासिक फैसलों पर मुहर लगाई है। समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून और सख्त भू कानून जैसे ऐतिहासिक एवं साहसिक कदम उठाए। जनता ने न केवल सरकार के फैसलों को सराहा, बल्कि समय समय पर उप चुनाव, निकायों में इन पर सहमति की मुहर तक लगाई। इसका नतीजा है कि लव जिहाद और लैंड जिहाद की साजिशों पर पूर्ण विराम लग गया है। अभी तक हजारों एकड़ भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया। सैकड़ों अवैध मदरसों पर ताला लगाया गया है। सख्त कानून बना कर प्रदेश की जनता की चिंताओं को दूर किया । 38वें राष्ट्रीय खेलों का सरकार ने शानदार आयोजन कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। आज तेजी से आगे बढ़ रहे उत्तराखंड में सीएम धामी और विकास एक दूसरे के पूरक बन गए हैं। राज्य में अब तक की भाजपा सरकार में पुष्कर सिंह धामी सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री बन गए हैं। सरकार के इन प्रयासों को देखते हुए आने वाले वर्षों में उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो सकता है।
उत्तराखंड में धामी सरकार के 3 साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। 23 मार्च 2022 को पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के दसवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले पुष्कर सिंह धामी 4 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे। दूसरे कार्यकाल के दौरान पुष्कर सिंह धामी ने 3 साल पूरे कर लिए हैं। इस दौरान उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 3 साल के कार्यकाल उपलब्धियां गिनाई।शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि इन तीन वर्षोंं में पार्टी ने जनहित में साहसिक कदम उठाए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार के तीन वर्षों को देवभूमि के लिए शानदार, ऐतिहासिक और इतिहास निर्माण करने वाला बताया। कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में युवा उत्तराखंड युवा मुख्यमंत्री की अच्छी सोच, मेहनत और दृढ़ शक्ति से तीव्रता से आगे बढ़ रहा है। सीएम धामी ने कहा कि इस सरकार के गठन से पहले हुए चुनाव में एक बड़ा मिथक टूटा। क्योंकि राज्य गठन के बाद से ही ये मिथक था कि एक कार्यकाल के बाद सरकार बदल जाती थी। लेकिन साल 2022 में प्रदेश की जनता ने मिथक तोड़ते हुए दोबारा भाजपा की सरकार पर भरोसा जताया। सीएम ने कहा कि इस कार्यकाल के दौरान रैणी आपदा, सिल्क्यारा टनल, केदारघाटी की आपदा, हरिद्वार में बाढ़ समेत तमाम आपदाएं देखी गईं। इसके साथ ही फरवरी 2025 को माणा में हुए हिमस्खलन के चलते तमाम लोगों की जानें चली गईं। सरकार किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटी है, बल्कि चुनौतियों से पार पाने के लिए प्रयास किया है। साथ ही लोगों के बीच में खड़े रहकर काम किया है। वर्तमान समय में सरकार ट्रैफिक मैनेजमेंट पर भी जोर दे रही है, क्योंकि आने वाले समय में ये एक बड़ी चुनौती होने वाली है। हमारी सरकार चारधाम यात्रा को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के साथ ही प्रदेश में तीर्थाटन को बढ़ावा देने हेतु राज्य के अन्य प्राचीन मंदिरों का भी पुनरुद्धार कर रही है।
मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत प्रथम चरण में कुमाऊं क्षेत्र के 16 मंदिरों को चिन्हित कर विकसित किया जा रहा है। निश्चित तौर पर प्रदेश में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या स्थानीय लोगों के लिए रोजगार एवं स्वरोजगार के नए अवसर सृजित कर रही है। उन्होंनेकहा कि पिछले 3 वर्षों में हमने 20 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों के माध्यम से रोजगार दिया है, उत्तराखण्ड का सख्त नकल विरोधी कानून देश के अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल बना है। देवभूमि उत्तराखण्ड को शत प्रतिशत ‘अतिक्रमण मुक्त’ बनाने तक हमारा अभियान जारी रहेगा। प्रदेश में निरंतर बढ़ता निवेश स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार खोल रहा है।हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में खेल एवं खिलाड़ियों के उत्थान हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिससे राज्य में खेल अवस्थापना का अभूतपूर्व विकास हुआ है। उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन से जहां एक ओर प्रदेश को देश भर में ‘खेलभूमि’ के रूप में नई पहचान मिली है, वहीं दूसरी ओर खेलों के इस भव्य समारोह में देश भर से आए हजारों खिलाड़ी हमारी समृद्ध संस्कृति से भी परिचित हुए। सीएम ने कहा कि भाजपा ने प्रदेश की जनता से जो भी वादे किए, वे सभी पूरे हुए। हमारी प्राथमिकता राज्य की डेमोग्राफी एवं उसके देवभूमि स्वरूप को बरकरार रखने की है। समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून और सख्त भू कानून जैसे ऐतिहासिक एवं साहसिक कदम उठाए। राज्य में लंबे समय से भू कानून की मांग चल रही थी, उसको देखते हुए सरकार भू कानून लेकर आई है। भू कानून को लेकर ये अभी शुरुआत हुई है। ऐसे में प्रदेश की परिस्थितियों को देखते हुए भू कानून में काम किया जाएगा। महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया। हाउस ऑफ हिमालयन ब्रांड बनाया गया, जिसके उत्पादों की डिमांड बढ़ रही है। सीएम धामी ने प्रदेश की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में विकट परिस्थिति के दौरान भी जनता ने अपना हाथ हम पर रखा। हमारी पार्टी पर भरोसा जताया, जिसके लिए मैं हद्य से देवतुल्य जनता का धन्यवाद देता हूं। वहीं कांग्रेस ने धामी सरकार की खामियां बताई। कांग्रेस पार्टी ने धामी सरकार के तीन साल को निराशाजनक बताया।
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