देशभर में महंगाई से आम आदमी परेशान है। सरसों का तेल रिफाइंड, पेट्रोल, डीजल, सीएनजी खाने-पीने की चीजें, सब्जियां और नींबू दामों में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। इसके अलावा कपड़े, पर्सनल केयर, पढ़ाई से लेकर सब कुछ महंगा हो गया है। पिछले वित्त वर्ष में 6.95 फीसदी की दर से महंगाई बढ़ी है। इस महंगाई का सबसे ज्यादा असर आम जनता पर पड़ा है। खाने-पीने के सामान से लेकर कपड़े और जूते तक महंगे होने से महंगाई 17 महीने के पीक पर पहुंच गई हैं। मंगलवार को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) आधारित रिटेल महंगाई दर मार्च में बढ़कर 6.95% हो गई। खाने-पीने के सामान की महंगाई 5.85% से बढ़कर 7.68% हो गई। यह लगातार तीसरा महीना है जब खुदरा महंगाई 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है। रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते चालू वित्त वर्ष 2022-23 की अपनी पहली मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए महंगाई के अनुमान को बढ़ाते हुए पहली तिमाही में 6.3 फीसदी, दूसरी में 5 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.1 फीसदी कर दिया था। मार्च में खुदरा महंगाई दर के इस स्तर पर पहुंचने के बाद आगे भी इसमें तेजी बने रहने की संभावना जताई है।