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देश की राजधानी दिल्ली में एक ऐसी घटना हुई जो हैरान कर गई। राजधानी के शास्त्री पार्क इलाके में एक परिवार गुरुवार रात मच्छर भगाने वाली कॉइल जला कर सो गया था। लेकिन शुक्रवार सुबह छह लोगों की दुखद मौत हो गई। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल में बताया कि सभी छह लोगों की मौत जहरीले धुएं से दम घुटने से हुई है। वहीं तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना दुखद तो है ही साथ में संदेश भी देती है रात या दिन में कभी भी सोते समय कोई भी जहरीली मच्छर मारने वाली कॉइल जलाते समय बहुत ही सावधानी बरतें। 6 लोगों की मौत की सूचना पर आसपास इलाके में भी हड़कंप मच गया। पुलिस के मुताबिक मौत का कारण जहरीला धुआं बना । शरीर में सांस के जरिये कार्बन मोनोऑक्साइड पहुंच गया। जो रात भर मच्छर भगाने वाली दवा के जलने के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई थी। दिल्ली पुलिस को शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे एक कॉल आई। जिसमें बताया गया कि एक घर में आग लग गई है। उसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
तब घर के सभी 9 सदस्य बेसुध पड़े मिले। उसके बाद उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन डॉक्टरों ने 6 लोगों को मृत घोषित कर दिया। मरने वालों में 4 वयस्क पुरुष और एक महिला शामिल है। जबकि एक बच्चे की भी मौत हो गई है। बता दें कि मच्छर भगाने वाली कॉइल में डीडीटी, अन्य कार्बन फॉस्फोरस और खतरनाक तत्व होते हैं। बंद कमरे में मॉस्किटो कॉइल जलाकर सोने से कमरे के अंदर की गैस बाहर नहीं निकल पाती। कॉइल जलते रहने से पूरे कमरे में कार्बन मोनोक्साइड भर जाती है। कमरे में ऑक्सीजन की मात्रा घट गई। धीरे-धीरे कार्बन मोनोक्साइड व्यक्ति के शरीर में भर जाती है, जिससे उसे सांस लेने में तकलीफ होती है और दम घुटने से मौत की आशंका बढ़ जाती है। एक रिसर्च के मुताबिक एक कॉइल 100 सिगरेट के बराबर खतरनाक है। इसमें से करीब पीएम 2.5 धुआं निकलता है, शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक होता है।