पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को फिल्म द केरला स्टोरी पर लगे पश्चिम बंगाल सरकार के बैन पर रोक लगा दी है। फिल्म पांच मई को रिलीज हुई थी और 8 मई को पश्चिम बंगाल सरकार ने इस पर बैन लगा दिया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था- इससे राज्य में सांप्रदायिक तनाव और लॉ एंड ऑर्डर की समस्या पैदा हो सकती है। बैन के खिलाफ मेकर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा- कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तमिलनाडु सरकार को भी निर्देश दिया है कि सिनेमाघरों में फिल्म देखने वालों को सरकार पर्याप्त सुरक्षा दे। फिल्म निर्माता ने ये भी माना की 32 हजार महिलाओं का डेटा प्रमाणित नहीं है. निर्माता की ओर से कहा गया है कि वो 20 मई तक डिस्क्लेमर देंगे कि 32,000 महिलाओं के डेटा के लिए कोई प्रमाणिक सत्यापित डेटा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 20 मई शाम 5 बजे तक डिस्क्लेमर लगाना होगा कि 32,000 का आंकडे का कोई पुख्ता आधार नहीं है। कोर्ट ने निर्माता को ये आदेश भी दिया है कि डिस्क्लेमर दें कि ये फिल्म फिक्शन पर है। बता दें कि ‘द केरल स्टोरी’ के टीजर में ये दावा किया गया था कि केरल में 32 हजार महिलाओं का धर्म परिवर्तन किया गया और उन्हें ISIS जैसे आतंकी संगठन में भर्ती किया गया। उसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने डिस्क्लेमर लगाने के आदेश दिए हैं।इससे पहले बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठाए। CJI चंद्रचूड़ ने कहा, कानून और व्यवस्था बनाए रखना सरकार का कर्तव्य है. कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य का ये सकारात्मक दायित्व है। इस तरह तो आप समाज में किसी भी 13 लोगों को चुन सकते हैं। वे कुछ भी प्रतिबंध लगाने को कहेंगे। खेल या कार्टून दिखाने को छोड़कर नियमों का उपयोग जनता की सहनशीलता पर लगाने के लिए नहीं किया जा सकता। अन्यथा सभी फिल्में इसी स्थान पर खुद को पाएंगी. दरअसल, बंगाल सरकार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि राज्य में शांति व्यवस्था बिगड़ने के कारण बैन किया गया।