भारतीय छात्र विदेशों में मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग और मेडिकल समेत कई कोर्सों की पढ़ाई करने के लिए जाते हैं। लेकिन कुछ त्रासदी अचानक ऐसी हो जाती हैं जिससे छात्रों का करियर भी प्रभावित होता है। आपको याद हो साल 2020 की शुरुआत में जब दुनिया में कोरोना महामारी की शुरुआत हुई थी तब हमारे छात्र-छात्राएं चीन के वुहान शहर में पढ़ाई कर रहे थे। महामारी फैलने के बाद सभी भारतीय छात्र अपना सब कुछ छोड़ के स्वदेश लौट आए थे। इसके अलावा कई देशों में भारतीय छात्र भी लौटे थे। अब हम बात करेंगे यूक्रेन की। इस देश में भी हजारों भारतीय विद्यार्थी मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद एक बार फिर भारतीय छात्र-छात्राओं को निराशा हाथ लगी है। हालांकि अब केंद्र सरकार ने अपने भारतीय नागरिकों को बुलाने के लिए दो चार्टर्ड प्लेन शुक्रवार को भेज दिए थे। पहला जत्था भारत आ चुका है। वहीं अभी भी भारत के कई राज्यों के नागरिक और छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इनमें बिहार के कई छात्र-छात्राएं भी है। इन्हीं में बिहार के जनता दल यूनाइटेड के विधायक की बेटी भी मेडिकल की पढ़ाई करने गई हुई है। बता दें कि बिहार के जनपद मुंगेर के तारापुर से जेडीयू विधायक राजीव सिंह की बेटी रीमा सिंह है। रीमा तीन महीने पहले ही डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गई थी। रीमा एमबीबीएस फर्स्ट इयर की छात्रा है और यूक्रेन के वुकोमोनिया विश्विविद्यालय में पढ़ाई कर रही है। विधायक राजीव सिंह ने कहा कि मेरी बेटी रीमा डॉक्टर बनना चाहती है। इसलिए उसे पढ़ाई के लिए यूक्रेन भेजा था। लेकिन वहां युद्ध की शुरुआत हो गई है। इस बात से हम काफी सहम गए हैं। बेटी से वहां के हालात की जानकारी मिल रही है। विधायक ने कहा कि बेटी ने बताया है कि भारत सरकार सभी भारतीयों को वहां से निकालने के लिए प्रयास कर रही है। ऐसे में हमें पूर्ण विश्वास है भारत सरकार यूक्रेन में जितने भी भारतीय फंसे हैं, उनको सुरक्षित भारत लेकर आएगी ।