मैदान से पहाड़ों तक लगातार मानसूनी बारिश का दौर जारी है। मैदानी इलाकों में किसान और आम जनता बारिश से भले खुश हैं, लेकिन पहाड़ी इलाकों में बारिश आफत बन चुकी है। खासकर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार देर रात से लगातार बारिश हो रही है
उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार देर रात से लगातार बारिश हो रही है। भारी बारिश का असर आम जनजीवन पर पड़ा है। जगह-जगह मलबा आने से लिंक सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं और लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चमोली जिला प्रशासन ने स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है।
उत्तर-पश्चिम भारत के राज्यों में कल का मौसम
8 से 13 जुलाई के दौरान उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश की संभावना जताई गई है। 8-10 जुलाई के दौरान, पश्चिमी राजस्थान, 8 से 9 जुलाई के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश, 8 से 10 जुलाई के दौरान उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान, 08-10 जुलाई के दौरान बहुत भारी वर्षा की संभावना है। अगले 7 दिनों के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और मैदानी इलाकों में कुछ/कई स्थानों पर गरज के साथ अधिकांश/कई स्थानों पर हल्की/मध्यम वर्षा की संभावना है। वहीं मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में बिजली गिरने की भी आशंका है। मौसम विभाग ने कहा है कि तीव्र बादल से जमीन पर बिजली गिरने की संभावना है। लोगों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है। बारिश के मौसम में सुरक्षित रहें। वहीं हवा की गति 30-40 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। वहीं मध्य प्रदेश में 8 से 13 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि विदर्भ और छत्तीसगढ़ में 8 से 10 जुलाई तक बारिश हो सकती है। गंगा के किनारे वाले पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा में 8 जुलाई को बारिश होने की संभावना है। सब-हिमालयन पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 8, 9, 12 और 13 जुलाई को बारिश हो सकती है। विदर्भ में 8 और 9 जुलाई को बारिश की संभावना है। 8 जुलाई से 10 जुलाई के बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर बारिश हो सकती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। हालांकि, 11 और 12 जुलाई को प्रदेश के दोनों हिस्सों में कुछ ही स्थानों पर बारिश और गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। 8 जुलाई को मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, शरणपुर, हापुड़, गाजियाबाद, मेरठ, अमरोहा, संभल, बिजनोर, बरेली, मोरादाबाद में भारी बारिश की संभावना है। वहीं, बिहार में मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पटना, गया, औरंगाबाद, नालंदा और गोपालगंज जैसे जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान बिजली गिरने और 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की भी आशंका है। हालांकि बारिश की कमी के कारण खरीफ की खेती प्रभावित हो रही है, क्योंकि सामान्य से 44 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
बदरीनाथ हाईवे पर भी नंदप्रयाग और कर्णप्रयाग के बीच भारी मात्रा में मलबा आ गया है, जिससे हाईवे अवरुद्ध हो गया है
वहीं, बदरीनाथ हाईवे पर भी नंदप्रयाग और कर्णप्रयाग के बीच भारी मात्रा में मलबा आ गया है, जिससे हाईवे अवरुद्ध हो गया है। सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने गाड़ियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया है। मलबा हटाने का कार्य जारी है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से इसमें कठिनाई आ रही है।हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भी लगातार बारिश हो रही है। इस कारण नदी-नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ और अन्य दुर्घटनाओं का खतरा मंडरा रहा है।
किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क, लेकिन आम जनता की सजगता भी बेहद जरूरी
चंबा के एसडीएम प्रियांशु खाती ने लोगों से अपील की है कि वो अनावश्यक रूप से नदी-नालों के पास न जाएं और प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है, लेकिन आम जनता की सजगता भी बेहद जरूरी है। एसडीएम चंबा प्रियांशु खाती ने कहा, “सभी जानते हैं कि ये मानसून का सीजन है और इस दौरान लगातार बारिश हो रही है। हमने प्रशासनिक अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं। अधिकारियों से कहा है कि वो ये देखें कि लोग खड्ड के आसपास नहीं जाएं। जो लोग खड्ड के आसपास बसेरे बना लेते हैं, उन्हें रोकने के भी निर्देश दिए गए हैं।”
प्रशासन की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब हाल ही में जिले के कई हिस्सों में बादल फटने और जलभराव की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इन घटनाओं से सबक लेते हुए जिला प्रशासन किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतना चाहता। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड दोनों ही राज्यों में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अगले कुछ दिनों तक पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें सक्रिय हैं।