यह एक ऐसी दुखद घटना है। समझ में नहीं आता है इसको क्या कहें। देश में आज भी तंत्र-मंत्र, अंधविश्वास भूत-प्रेत, डायन पर विश्वास खत्म नहीं हुआ है। जिसने भी यह घटना सुनी उसका दिल दहल गया। बिहार के पूर्णिया में एक ही परिवार के 5 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। बताया जा रहा है कि हत्या अंधविश्वास के चक्कर में हुई है। घटना मुफस्सिल थाना के रजीगंज पंचायत के टेटगमा की है। यहां कथित तौर पर डायन बताकर 5 लोगों की हत्या कर दी गई। लगभग 250 लोगों ने घर के पांचों सदस्यों को घेरकर पीटा और फिर जलाकर उन्हें मार डाला। इतना ही नहीं, इसके बाद उन्होंने शवों को गायब कर दिया। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर एसपी, एएसपी समेत कई थानों की पुलिस घटनास्थल पर मौजूद हैं।
मृतकों में तीन महिला में 70 वर्षीय मसोमात कातो, 50 वर्षीय बाबूलाल उरांव एवं उनकी 40 वर्षीय पत्नी सीता देवी, 30 वर्ष मनजीत कुमार व उनकी पत्नी 25 वर्षीय रानी देवी शामिल है। घटना की खबर के बाद गांव के सभी लोग गांव से फरार बताए जा रहे है। लोगों का कहना है कि गांव के कुछ लोगों को बाबूलाल उरांव की पत्नी सीता देवी पर डायन होने का शक था।

दरअसल, गांव के ही रामदेव उरांव के बेटे की झाड़फूंक और इलाज के दौरान तीन दिन पहले मौत हो गई थी। दूसरे बच्चे की भी तबीयत बिगड़ रही थी
कुछ लोगों ने रामदेव उरांव को बताया कि उनके बेटे की मौत और दूसरे के बीमार होने के पीछे डायन का प्रभाव है और बाबूलाल उरांव का परिवार डायन वाला काम करता है।
इसके बाद गांव के करीब 250 लोगों ने बाबूलाल उरांव के अलावा उनके परिवार के सदस्य, सीता देवी, मनजीत उरांव, रनिया देवी और तपतो मोसमत को घर के पास ही घेर लिया और हमला बोल दिया। उसके बाद गांववालों ने सभी को जिंदा जलाने का आइडिया दे दिया।
इसके बाद वहां मौजूद ग्रामीणों ने सभी को आग दिया. जले हुए शवों को तालाब में फेंक दिया गया। इस जघन्य वारदात के बाद गांव में दहशत कायम हो गई है। लोग या तो घरों में बंद हो गए हैं या फिर अपने घरों को छोड़कर बाहर चले गए हैं। पुलिस गांव में गस्त कर रही है और डॉग स्क्वायड के अलावा एफएलसी की टीम भी जांच में जुटी है।