पंचकेदारों में शामिल द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर धाम के कपाट सोमवार को वैदिक मंत्रोच्चार एवं पौराणिक विधि विधान के साथ भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए। भगवान मदमहेश्वरआगामी छह माह के लिए भक्तों को यहीं दर्शन देंगे। वहीं भगवान की उत्सव डोली रात्रि विश्राम के बाद 21 मई को दूसरे पड़ाव स्थल सीमांत गांव गौंडार पहुंची। जहां डोली का ग्रामीणों ने पुष्प एवं अक्षतों से जोरदार स्वागत किया गया। डोली के रवानगी के दौरान सैकड़ों भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो उठा। कपाट खुलने के पावन समय और डोली आगमन को लेकर मदमहेश्वर धाम को कई कुंतल फूलों से सजाया गया था। इसके साथ ही तीर्थ यात्रियों के मदमहेश्वर घाटी आवागमन से विभिन्न यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लग गयी है। मदमहेश्वर धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यहां जाने के लिए रांसी तक मोटर मार्ग है। उखीमठ से आप रांसी वाहन से पहुंच सकते हैं। मदमहेश्वर जाने के लिए रांसी मोटर मार्ग से जुड़ा रुद्रप्रयाग जिले का आखिरी गांव है। रांसी से मदमहेश्वर मंदिर जाने के लिए करीब 23 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। मदमहेश्वर का पैदल मार्ग चढ़ाई वाला होने के साथ सुरम्य है। मदमहेश्वर के पैदल मार्ग में गोंदहार, मैखम्बा चट्टी समेत अनेक छोटे गांव मिलते हैं।