बद्रीनाथ धाम के कपाट पूरे विधि विधान के साथ किए गए बंद, आखिरी दिन हजारों श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन कर लगाए जयकारे, देखें वीडियो - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
July 3, 2025
Daily Lok Manch
Recent उत्तराखंड धर्म/अध्यात्म

बद्रीनाथ धाम के कपाट पूरे विधि विधान के साथ किए गए बंद, आखिरी दिन हजारों श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन कर लगाए जयकारे, देखें वीडियो

यहां देखें वीडियो 👇

(Baba Badrinath dham door closed 19 November 3:35pm) उत्तराखंड में स्थित चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट शनिवार, 19 नवंबर दोपहर 3:35 पर पूरे विधि विधान के साथ शीतकालीन (6 महीने) के लिए बंद कर दिए गए। ‌ इस मौके पर हजारों श्रद्धालु बाबा बद्री विशाल के दर्शन करने के लिए मौजूद रहे। ‌जब मंदिर के कपाट बंद हो रहे थे श्रद्धालुओं ने दोनों हाथ खड़े करके बद्री विशाल के जयकारे लगाए। इससे पहले धाम स्थल पर परंपरा के अनुसार सेना की धुन भी बजाई गई। ‌ इससे पहले गंगोत्री, यमुनोत्री और बाबा केदारनाथ धाम के कपाट पूरे विधि विधान से बंद हो गए थे। बद्रीनाथ धाम से पहले ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो चुके हैं। केदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्टूबर 2022 को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर बंद हुए थे। इसी के साथ ही श्री गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्टूबर दोपहर 12 बजकर 1 मिनट पर बंद हुए थे और श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भी 27 अक्टूबर को ही बंद हुए थे। इसी के साथ चार धाम यात्रा का भी समाधान हो गया है।

बाबा बद्रीनाथ धाम के कपाट शनिवार, 19 नवंबर दोपहर 3:35 पर पूरे विधि विधान के साथ शीतकालीन (6 महीने) के लिए बंद कर दिए गए। ‌




बता दें कि मंगलवार से बाबा बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने की तैयारियां शुरू हो गई थी। मंदिर को सुंदर तरीके से रंग बिरंगे फूलों से सजाया गया है। कपाट बंद होने से पहले हजारों श्रद्धालु बदरीनाथ धाम में मौजूद रहे। कड़ाके की सर्दी के बीच भी बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब दिखाई दिया। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले ही भगवान बदरी विशाल को ऊनी घृत कंबल ओढ़ाया गया। यह ऊनी घृत कंबल माणा गांव की महिला मंगल दल की महिलाओं ने तैयार किया है, जिसे घी में भिगोकर तैयार किया गया है। इस घृत कंबल को मंदिर के मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी भगवान को अर्पित किया। इससे पहले रावल यानी मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी स्त्री का वेश धारण कर माता लक्ष्मी की प्रतिमा को बदरीनाथ धाम के गर्भ गृह में प्रतिष्ठापित किया। बदरीनाथ के कपाट बंद होने के बाद उद्धव और कुबेर जी की डोली बामणी गांव में पहुंचेगी। जबकि शंकराचार्य जी की गद्दी रावल निवास में आज रात्रि विश्राम करेगी। रविवार सुबह को पावन गद्दी और उद्धव-कुबेर जी की मूर्ति पांडुकेश्वर के लिए रवाना होगी। 21 नवंबर को शंकराचार्य जी की गद्दी जोशीमठ के नरसिंह मंदिर पहुंचेगी और शीतकाल तक यहीं रहेगी।







बद्रीनाथ धाम चार धामों में सबसे मुख्य धाम है। बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है। बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु का वास है, यहां पर उनका विशाल मंदिर बना हुआ है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान नारायण ने खुद बद्रीनाथ धाम की स्थापना की थी, जहां पर भगवान विष्णु विश्राम करते हैं। बता दें कि इस बार चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की रिकार्ड तोड़ भीड़ उमड़ी। साल साढ़े 17 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री भगवान बदरीनाथ के दर्शन किए । अब अगले साल 2022 अप्रैल मई में चार धाम मंदिरों के कपाट खोले जाएंगे। 6 महीने तक शिवकालीन के लिए हर साल चारों धामों के कपाट अक्टूबर-नवंबर में बंद किए जाते हैं।

Related posts

सुप्रीम कोर्ट ने लाल किले हमले के दोषी अशफाक की फांसी की सजा रखी बरकरार

admin

19 फरवरी, रविवार का पंचांग और राशिफल

admin

Uttrakhand: उत्तराखंड में बारिश और ओले गिरने के बाद हाईवे पर मलबा आने से यमुनोत्री मार्ग बंद, उत्तरकाशी में आकाशीय बिजली गिरने से भेड़-बकरियों की मौत

admin

Leave a Comment