वाराणसी की जिला अदालत ने आज ज्ञानवापी मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। इस फैसले को सुनने के लिए पिछले कई दिनों से हिंदू और मुस्लिम दोनों इंतजार कर रहे थे। कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में मिले ‘कथित शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग नहीं होगी। पांच हिंदू महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिली शिवलिंग जैसी संरचना की उम्र, लंबाई और चौड़ाई का पता लगाने के लिए इस वैज्ञानिक जांच की मांग की थी। जांच के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को आदेश देने की अपील की गई थी। अदालत ने यह मांग खारिज कर दी। इस मामले में हिंदू पक्ष के ओर से कोर्ट में कार्बन डेटिंग की मांग की गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सर्वे के दौरान वजूखाने से मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण की मांग से जुड़ी याचिका पर शुक्रवार को फैसला आ गया। वाराणसी की जिला अदालत ने इस याचिका पर अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में सात अक्टूबर को हिन्दू पक्ष ने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करते हुए दावा किया था कि वजूखाने में मिला शिवलिंग उनके वाद का हिस्सा है इस वजह से कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग रखी गई है। हिंदू पक्ष जिसे शिवलिंग कह रहा है उसे मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है हिंदू पक्ष की मांग था कि कथित शिवलिंग की जांच के लिए कार्बन डेटिंग कराई जाए। ताकि उसकी उम्र का पता चले और फिर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। कार्बन डेटिंग की मांग चार महिलाओं ने की थी। जिसके बाद शुक्रवार को वाराणसी के जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत इस मामले में फैसला सुनाया है।