अब शिक्षा विभाग में क्या गलत है, क्या सही है विद्यार्थी और अभिभावक अदालतों पर अधिक निर्भर होते जा रहे हैं। अगर विद्यार्थियों को शिक्षा बोर्डों से अधिकारों और उनकी मांगों की सुनवाई नहीं होती है तो वह कोर्ट की तरफ रुख करते हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं अप्रैल में होने वाली सीबीएसई और सीआइएससीई की फाइनल परीक्षा को लेकर। करीब 15 राज्यों के विद्यार्थी नहीं चाहते कि उनकीऑफलाइन मोड में हो। वहीं दूसरी ओर सीबीएसई, सीआइएससीई 10 वीं और 12 वीं की टर्म 2 परीक्षाओं की तारीखें घोषित हो चुकी हैं। लेकिन इन परीक्षाओं के ऑफलाइन मोड आयोजन को लेकर देश भर के स्टूडेंट्स विरोध कर रहे हैं। 15 राज्यों के छात्र-छात्राओं ने मिलकर सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है। स्टूडेंट्स और पैरेंट्स का तर्क है कि जब कक्षाओं का आयोजन ऑनलाइन मोड में किया गया है तो परीक्षाओं का आयोजन ऑफलाइन मोड में नहीं किया जाना चाहिए। इंडिया वाइड पैरेंट्स एसोशिएसन की अध्यक्ष और अधिवक्ता अनुभा श्रीवास्तव सहाय द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए ट्वीट के अनुसार, छात्रों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में ऑफलाइन बोर्ड परीक्षाओं के विरुद्ध दायर पर 21 फरवरी 2022 को सुनवाई की जा सकती है।