लगातार बारिश, भूस्खलन और सैकड़ों सड़कें बंद होने के बाद हिमाचल प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है। इसके साथ राज्य को भारी नुकसान भी हुआ है। हिमाचल के कई जिलों में जनजीवन भी अस्त-व्यस्त है।
हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बुधवार रात भारी बारिश हुई। यहां कोटखाई के खलटूनाला के पीछे पहाड़ियों में सुबह करीब 3 बजे बादल फटने से नाले में मलबा आ गया। इससे यहां 6 से ज्यादा गाड़ियां और आधा पेट्रोल पंप दब गया।
पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों ने भागकर जान बचाई। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और शिमला में बुधवार शाम को भी 4 जगह बादल फटे। कुल्लू के श्रीखंड और तीर्थन वैली, शिमला जिला के फाचा के नांटी गांव और काशापाठ में बादल फटने के बाद नदी-नालों में बाढ़ आ गई।
अचानक आई बाढ़ में फंसे 4 लोगों को सेना ने रेस्क्यू किया। इन लोगों को पूह मिलिट्री कैंप में ले जाया गया। भारी बारिश के कारण ऊना, कुल्लू के बंजार सब डिवीजन, शिमला के जुब्बल और मंडी के थुनाग में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है।
हिमाचल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में बारिश और उससे जुड़ी घटनाओं में 323 सड़कें बंद हो गईं हैं।
मौसम विभाग ने गुरुवार को तेलंगाना में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं, UP-MP समेत 11 राज्यों में ऑरेंज और राजस्थान-बिहार समेत 21 राज्यों में यलो अलर्ट है।
हिमाचल में बाढ़ और बारिश से स्थिति गंभीर हो गई। किन्नौर जिले में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने ऋषि डोगरी घाटी को प्रभावित किया जिससे सतलुज नदी पर बना पुल जलमग्न हो गया।
सेना ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चार नागरिकों को बचाया जिनमें एक घायल भी शामिल था। बाढ़ से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के लिए सड़क बना रही एक निर्माण कंपनी का कैंप जलमग्न हो गया।




वहीं, बाढ़ का पानी इतनी तेजी से बढ़ा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के लिए सड़क बना रही एक निर्माण कंपनी का पूरा कैंप जलमग्न हो गया। कंपनी के कर्मचारियों को अपनी जान बचाने के लिए तुरंत वहां से भागना पड़ा।