(Maharashtra crisis): कुछ समय पहले तक महाराष्ट्र की सियासत में शिवसेना की तूती बोलती थी। महाराष्ट्र की अस्मिता से जुड़ी यह पार्टी शिवसेना का वर्चस्व इतना ऊंचा था कि इसके बारे में अगर कोई आपत्तिजनक बात बोलता था तब हजारों शिवसैनिक उस पर हमला करने से भी चूकते नहीं थे। एकनाथ शिंदे ने शिवसेना और चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है। मुंबई स्थित उपनगर बांद्रा में बिल्डिंग मातोश्री (बाला साहब ठाकरे का निवास) महाराष्ट्र के लोगों का लिए घर नहीं बल्कि यह एक मंदिर जैसा है, आज यहां वीरानी छाई हुई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अलग-थलग पड़ गए हैं। करोड़ों शिवसैनिकों को समझ में नहीं आ रहा है कि वह अब आगे क्या करें। वहीं दूसरी ओर उद्धव ठाकरे के पास अब 12 से 15 विधायक की बचे हैं । बाला साहब ठाकरे में 19 जून 1966 को शिव सेना का गठन किया था। शिवसेना अब तक सबसे खराब दौर से गुजर रही है। गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल में बागी नेता एकनाथ शिंदे शिवसेना के करीब 40 विधायकों के साथ अब महाराष्ट्र में नए नेता के रूप में उभरकर सामने आए। शिवसेना के अलावा भी एकनाथ शिंदे के पास निर्दलीय व अन्य मिलाकर 10 से 12 विधायक और मौजूद हैं। अब शिवसेना में दो फाड़ हो गई है। यही नहीं कई शिवसेना के सांसद भी एकनाथ शिंदे के साथ जाने को तैयार हैं। भाजपा के साथ एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन करने जा रहे हैं। महाराष्ट्र की सियासत में अब उद्धव सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है । शिवसेना के वरिष्ठ नेता और उद्धव सरकार में दिग्गज मंत्री एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र की सियासत में उलटफेर करके रख दिया है। पूरी कहानी एकनाथ शिंदे के इर्द-गिर्द घूम रही है। लेकिन इस सियासी खेल के पीछे भारतीय जनता पार्टी का ‘ऑपरेशन लोटस’ (ऑपरेशन कमल) एक बार फिर से चर्चा में है। अचानक एकनाथ शिंदे के मजबूत तौर पर उभरने के पीछे भाजपा की ही रणनीति मानी जा रही है। शिंदे के बगावती तेवर साफ तौर पर इशारे कर रहे हैं कि वह भाजपा का साथ लिए इतना बड़ा कदम नहीं उठा सकते थे। फिलहाल शिंदे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पार्टी के तेजतर्रार नेता संजय राउत पूरी तरह से बैकफुट पर है। शिंदे गुट लगातार मजबूत होता जा रहा है। अब एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके साथ शिवसेना और निर्दलीय मिलाकर 49 विधायक हैं। यह सभी गुवाहाटी के लिए होटल रेडिसन ब्लू में डेरा जमाए हुए हैं। दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे नरम पड़ गए हैं। संजय राउत ने यहां तक कह दिया कि अगर सभी विधायक कहेंगे तो महाविकास अघाड़ी गठबंधन से अलग होने पर भी विचार किया जा सकता है। यही नहीं अब शिवसेना पार्टी को लेकर भी घमासान छिड़ गया है। बागी गुट दावा कर रहा है कि विधायकों की संख्या बल के आधार पर शिवसेना पर अब हमारा अधिकार है। बुधवार देर शाम सीएम उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री आवास छोड़कर मातोश्री (अपने घर) पहुंच गए थे। ठाकरे ने फिलहाल सीएम पद नहीं छोड़ा है । लेकिन अब जो हालात बनते जा रहे हैं वह बता रहे हैं कि महाराष्ट्र में बागी नेता शिंदे के साथ भाजपा कमल खिलाने के लिए तैयार है।