अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला शिमला द्वारा उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदेश स्तरीय विभिन्न मांगों को लेकर आज धरना प्रदर्शन किया गया । विद्यार्थी परिषद छात्रों की मांगों को लेकर निरंतर संघर्ष करती आ रही है । जिला संयोजक दिविज ठाकुर द्वारा कहा गया कि वर्ष 2013 में कांग्रेस सरकार द्वारा छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकार छात्र संघ चुनाव को प्रदेश भर मे बंद किया गया था जो अभी तक बहाल नहीं किए गए है। विद्यार्थी परिषद वर्षों से छात्र संघ चुनाव बहाल करने की प्रदेश सरकार से मांग करती आ रही है ताकि छात्रों की समस्या का अच्छे से समाधान हो सके। अगर प्रदेश सरकार छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं करती है तो आने वाले समय में विद्यार्थी परिषद पूरे प्रदेश में उग्र से उग्र आंदोलन करेगी। उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि प्रदेश में दिन प्रतिदिन कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है।

प्रदेश में दिन प्रतिदिन अपराधिक घटनाएं और गैर कानूनी कार्य हो रहे हैं हिमाचल प्रदेश एक शांतिप्रिय राज्य है अगर प्रदेश में इस प्रकार से ही अपराधिक घटनाएं वह गैर कानूनी कार्य होते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब हिमाचल प्रदेश एक असुरक्षित राज्य बनेगा। प्रदेश में दिन प्रतिदिन खनन माफिया के भ्रष्टाचार बढ़ते जा रहे हैं। विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार से मांग करती है कि खनन माफिया के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई “जॉब ट्रेनी” पॉलिसी का कड़े शब्दों में विरोध करती यह एक युवा विरोधी पॉलिसी है और युवाओं के भविष्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ जो प्रदेश सरकार कर रही है विद्यार्थी परिषद इसका कड़े शब्दों में विरोध करती है और प्रदेश सरकार से यह मांग करती है कि इस पॉलिसी को वापस लिया जाए । शिमला महानगर मंत्री कुणाल द्वारा कहा गया कि शिक्षण संस्थानों की तालाबंदी जो प्रदेश सरकार कर रही है वह निंदनीय है जिसका विद्यार्थी परिषद कड़े शब्दों में विरोध करती। विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार से मांग करती है कि मंडी जिला मे जो लोग आपदा से प्रभावित हुए है उन लोगों को प्रदेश सरकार उचित मुआवजा उपलब्ध करवाया जाए। अगर प्रदेश सरकार इन मांगों को पूरा नहीं करती है तो विद्यार्थी परिषद आने वाले समय में उग्र आंदोलन करेगी जिसकी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी ।
दिविज ठाकुर, जिला संयोजक शिमला