(Congress senior leader gulam Nabi Azad resign): मौजूदा समय में कांग्रेस अपने नए अध्यक्ष बनाने को लेकर तैयारी में जुटी हुई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बनाने का नाम भी चर्चा में है। इस बीच आज पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से पूरी तरह से नाता तोड़ लिया है। आजाद ने गांधी परिवार को लंबा चौड़ा 5 पन्नों का लेटर भेजा है। अगर हम बात करें पिछले 2 सालों से तो कांग्रेस के नेता ही खुद पार्टी छोड़ रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया, आरपीएन सिंह, जतिन प्रसाद अदिति सिंह और कुलदीप बिश्नोई समेत तमाम दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया । गुलाम नबी आजाद काफी समय से गांधी परिवार के फैसलों से नाराज चल रहे थे। एक लंबे वक्त तक वो कांग्रेस के साथ रहे हैं। वो उन नेताओं में से हैं जो हर मुश्किल में पार्टी के साथ खड़े नजर आते थे लेकिन आज उनके इस्तीफे ने पिछले कुछ दिनों से चल रही अटकलों पर मुहर लगा दी है। गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से लेकर सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। आजाद ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को 5 पन्नों का इस्तीफा भेजा है। सोनिया गांधी को भेजे गए इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा, बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है। गुलाम नबी आजाद ने कहा, भारत जोड़ों यात्रा की जगह कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए। उन्होंने इस्तीफे में राहुल गांधी पर निशाना साधा है। 10 दिन पहले 16 अगस्त को कांग्रेस ने आजाद को जम्मू-कश्मीर प्रदेश कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया था, लेकिन आजाद ने 2 घंटे बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि पार्टी हाईकमान ने गुलाम नबी आजाद को जम्मू कश्मीर कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष न बना कर 47 साल के विकार रसूल वानी को ये जिम्मेदारी दे दी थी। हाईकमान का यह फैसला गुलाम नबी आजाद को पसंद नहीं आया। उससे उसके बाद ही कयास लग रहे थे कि आजाद अब पार्टी को अलविदा कह सकते हैं। बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस दिग्गज नेता आनंद शर्मा ने भी हिमाचल कांग्रेस चुनाव समिति से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी समेत तमाम ऐसे नाम हैं जो नाराज बताए जा रहे हैं।