देश में आज एक और सीनियर आईपीएस अधिकारी ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली है। इन्होंने इस घटना को तब अंजाम दिया जब आईएएस पत्नी विदेश दौरे पर हैं। अचानक आत्महत्या करने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है पुलिस मामले की जांच में जुटी है। आईपीएस अधिकारी के आत्महत्या किए जाने के बाद पुलिस महकमे हड़कंप मच गया।
हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) वाई पूरन कुमार ने मंगलवार को कथित तौर पर खुदकुशी कर ली। चंडीगढ़ सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर उन्होंने गोली मारकर जान दी। घटना के समय उनकी पत्नी अमनीत पी कुमार घर पर मौजूद नहीं थीं। वह हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी हैं और इस वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान दौरे पर हैं। वह वर्तमान में विदेश सहयोग विभाग की आयुक्त एवं सचिव के पद पर तैनात हैं। जानकारी के मुताबिक, मंगलवार दोपहर पुलिस को सूचना मिली कि सेक्टर-11 में स्थित सरकारी आवास में वाई पूरण कुमार ने आत्महत्या कर ली है। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने घर को सील कर दिया और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स को जांच के लिए बुलाया गया। शुरुआती जांच में सामने आया है कि अधिकारी ने अपने लाइसेंसी हथियार से खुद को गोली मारी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घटना के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने बताया कि सेक्टर-11 पुलिस स्टेशन को दोपहर करीब 1:30 बजे एक आत्महत्या की खबर मिली। पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार का शव उनके घर पर मिला।
सीएफएसएल की टीम मौके पर जांच कर रही है। पोस्टमार्टम के बाद और जानकारी मिलेगी। वाई पूरन कुमार हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी थे और इस समय पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में तैनात थे। अपने लंबे कार्यकाल के दौरान उन्होंने राज्य पुलिस में कई अहम पदों पर जिम्मेदारी निभाई थी। वह अकसर कई मुद्दे सरकार के सामने उठाते रहते थे। बीते दिनों में उन्होंने आईपीएस अधिकारियों की तैनाती को लेकर भी सरकार से शिकायत की थी। कुछ आईपीएस अफसरों के प्रमोशन पर उठाये थे सवाल
वाई पूरन कुमार ने पिछले साल कुछ आईपीएस अफसरों के प्रमोशन पर सवाल उठाया था। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि ये प्रमोशन गलत तरीके से किए गए हैं। वित्त विभाग ने गृह मंत्रालय के नियमों को अनदेखा करके सिर्फ अपनी सहमति से ये प्रमोशन कर दिए। साल 2020 में तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव पर उन्होंने उत्पीड़न के आरोप भी लगाए थे।