उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट में शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात को लेकर दुनिया भर की निगाहें लगी हुई थी। खास तौर पर अमेरिका की। बता दें कि भारत और रूस की दोस्ती दुनिया में जगजाहिर है। साल 2014 में पीएम मोदी के सत्ता संभालने के बाद दोनों देशों की दोस्ती और मजबूत हुई। रूस और यूक्रेन के युद्ध के समय भारत “तटस्थ” भूमिका में रहा। हालांकि उस दौरान भी पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को युद्ध को रोकने के लिए अपील भी की थी। आज एक बार फिर पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन एक मंच पर साथ आए। समिट के दौरान पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस बातचीत में दोनों ने यूक्रेन संकट पर भी बात की। “समरकंद में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये युग युद्ध का नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि इस मुद्दे पर मैंने आपसे बात की थी। आज हम इस पर बात करना चाहेंगे कि शांति के रास्ते पर आगे कैसे बढ़ा जा सके। भारत और रूस कई दशकों तक एक साथ रहे हैं। इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी से कहा कि मैं यूक्रेन संघर्ष पर आपकी स्थिति जानता हूं। मैं आपकी चिंता समझता हूं। मैं जानता हूं कि आप इन चिंताओं को समझते हैं। हम चाहते हैं कि ये संकट जितना जल्दी हो सके खत्म हो। लेकिन जो दूसरी पार्टी है- यूक्रेन, वे संवाद प्रक्रिया में शामिल ही नहीं होना चाहते हैं। वे कहते हैं कि वे अपने लक्ष्यों को युद्ध के मैदान में हासिल करना चाहते हैं। हम इस बारे में पूरी गतिविधि से आपको अवगत कराते रहेंगे”। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ समिट को भी संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने हिंदी में अपना भाषण दिया था। इस बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उज्बेक राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव समेत तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए हैं।