राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भूपानी में मदर्स डे मनाया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध शिक्षा पर समाजशास्त्रीय प्रोफेसर एमपी सिंह ने उपस्थित लोगों को मातृ दिवस पर मां का समर्पण त्याग और तपस्या के बारे में प्रकाश डाला। प्रोफेसर एमपी सिंह ने कहा कि मां पहली गुरु होती है मां ही खाना, पीना, चलना- फिरना, उठना -बैठना, हंसना-राजकीय बोलना,सिखाती है मां ही वस्तुओं की पहचान कराती है । मां का कर्ज इस संसार में कोई नहीं चुका सकता है । डॉ एमपी सिंह ने कहा कि सिर्फ मदर्स डे पर ही सम्मान नहीं बल्कि रोजाना सम्मान देना चाहिए । मां अपने 10 बच्चों का भी मेहनत मजदूरी करके पेट भर देती है लेकिन 10 बच्चों पर एक मां का पेट नहीं भरा जाता है । यह शिक्षा, सभ्यता और संस्कृति का अभाव है या जागरूकता का, समझ नहीं आता है। उन्होंने कहा कि जितने भी इस पृथ्वी पर महापुरुष पैदा हुए हैं वह सभी मां के गर्भ से पैदा हुए संत- महात्मा, देवी -देवता, नेता -अभिनेता, वैज्ञानिक, आचार्य -प्राचार्य सभी मां के पेट से ही पैदा हुए। हम सभी को आने वाली पीढ़ी को संदेश देना चाहिए कि माता-पिता और गुरुओं का सम्मान करना चाहिए। इस अवसर पर विद्यालय की छात्राओं और अध्यापकों ने मानव श्रृंखला बनाकर संकेत दिया कि हम सब एक हैं और नारी जाति के सम्मान के लिए हम हमेशा एक रहेंगे । इस अवसर पर फिजिकल एजुकेशन की प्रवक्ता नीतू सिंह, गणित की प्रवक्ता रेखा चहल, अनीता चुग और कुसुम ने भी अपने विचार रखें ।