भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सोमवार 12 दिसंबर को महत्वपूर्ण बयान दिया। सुशील मोदी ने 2,000 के नोटों के बारे में कहा, ‘आरबीआई ने तीन साल पहले ही 2,000 के नोट छापने बंद कर दिए हैं। ऐसी सूचनाएं मिली हैं कि लोगों ने 2,000 के नोट जमा करके रख लिए हैं। इन पैसों का इस्तेमाल टेटर फंडिंग, ड्रग्स की तस्करी और काले धन के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने यह भी मांग की है कि इन नोटों को बदलने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने आगे कहा, ‘अगर हम बड़ी और विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों जैसे कि अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान को देखें तो उनके पास 100 रुपये से ज्यादा बड़े नोट ही नहीं हैं। ऐसे में मेरी राय है कि केंद्र सरकार को 2,000 रुपये के नोट बंद करने के बारे में सोचना चाहिए। इसके लिए चरणबद्ध प्रक्रिया चलाई जानी चाहिए जिससे लोगों के पास इन नोटों को छोटे नोटों में बदलवाने का समय रहे।बता दें कि नवंबर 2016 में केंद्र की मोदी सरकार ने 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को बंद कर दिया था। 500 रुपये के नए नोट लाए गए और 1,000 रुपये के नोटों का चलन बंद कर दिया गया। उनकी जगह पर 2,000 रुपये के नोट लाए गए। हालांकि, कुछ ही सालों में आरबीआई ने इन नोटों को छपाई बंद कर दी। अभी भी 2,000 रुपये के नोट बहुत कम ही दिखाई देते हैं।