आज पूरे देश भर में भाई बहन का पवित्र पर्व रक्षाबंधन धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। यह त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, जो भाई-बहन के रिश्ते के प्रेम और पवित्रता का दर्शाता है। रक्षा बंधन भारतीय संस्कृति का एक सबसे सुंदर पर्व है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा-सूत्र (राखी) बांधकर उनके दीर्घायु, स्वास्थ्य और सफलता की कामना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों को सुरक्षा, सम्मान और स्नेह का वचन देते हैं। यह पर्व केवल रिश्ते का उत्सव नहीं है, बल्कि विश्वास, जिम्मेदारी और आपसी प्रेम का जीवंत प्रतीक है। रक्षाबंधन केवल भाई-बहन तक सीमित नहीं, यह हर उस बंधन का उत्सव है जिसमें रक्षा और समर्पण की भावना है। ऐसे में चलिए पंचांग (Panchang 9 August 2025) से जानते हैं आज के शुभ मुहूर्त और राहुकाल के बारे में।
सावन (श्रावण) माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि समाप्त – दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक
सौभाग्य योग – रात 2 बजकर 15 मिनट तक (10 अगस्त)
करण –
बव – दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक
बालव – रात 12 बजकर 50 मिनट तक (10 अगस्त)
वार – शनिवार
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय – सुबह 5 बजकर 47 मिनट से
सूर्यास्त – शाम 7 बजकर 6 मिनट पर
चंद्रोदय – शाम 7 बजकर 21 मिनट से
चंद्रास्त – कोई नहीं
सूर्य राशि – कर्क
चंद्र राशि – मकर
शुभ समय
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक
अमृत काल – प्रातः 3 बजकर 42 मिनट से प्रातः 5 बजकर 16 मिनट तक (10 अगस्त)
अशुभ समय
राहु काल – सुबह 9 बजकर 7 मिनट से सुबह 10 बजकर 47 मिनट तक
गुलिक काल – प्रातः 5 बजकर 47 मिनट से सुबह 7 बजकर 27 मिनट तक
यमगंड काल – दोपहर 2 बजकर 6 मिनट से दोपहर 3 बजकर 46 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रमा श्रावण नक्षत्र में रहेंगे…
श्रावण नक्षत्र – दोपहर 02:23 बजे तक
सामान्य विशेषताएं – सीखने की क्षमता, बुद्धिमान, सहयोगी, ज्ञानार्जन, सुनने में निपुण, आत्मविश्वास की कमी, जिज्ञासु, अत्यधिक सतर्क और जिज्ञासु
नक्षत्र स्वामी – चंद्रमा
राशि स्वामी – शनि
देवता – विष्णु (रक्षक)
प्रतीक – कान
श्रावण पूर्णिमा –
श्रावण पूर्णिमा, सावन मास का अंतिम और सबसे शुभ दिन होता है। यह दिन धर्म, उपवास और रक्षाबंधन जैसे पवित्र पर्वों का संगम है। चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं में होता है और वातावरण भक्ति, प्रेम और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है।
श्रावण पूर्णिमा का संदेश है “समर्पण से ही पूर्णता मिलती है।” यह दिन हमें अपने भीतर की अधूरी भावना को भक्ति, सेवा और प्रेम से भरने का अवसर देता है। अगर आप जीवन में किसी पूर्णता की तलाश में हैं। आज का दिन भीतर झाँकने और ईश्वर से जुड़ने का दिन है।श्रावण पूर्णिमा पर क्या करें –
ऋषि पूजन व उपाकर्म (विशेष रूप से ब्राह्मणों द्वारा) किया जाता है।
यज्ञ, दान और व्रत करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
यह दिन गुरुओं, माता-पिता और वृद्धजनों के सम्मान का भी प्रतीक है।
श्रावण पूर्णिमा पर भगवान विष्णु, शिवजी और चंद्रमा की पूजा करने से जीवन में मन की शुद्धि और मोक्ष की दिशा प्राप्त होती है।