(Radha ashtami festival celebrate devotees) : आज कृष्ण नगरी मथुरा में राधा अष्टमी पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है । राधा अष्टमी बनाने के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं। बता दें कि कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव राधा अष्टमी के साथ ही पूरा होता है। कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद यानी की भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि कृष्ण प्रिय राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। राधा की आराधना के बिना कान्हा की पूजा अधूरी मानी जाती है। कहते हैं जो जन्माष्टमी पर कृष्ण की पूजा करते हैं उन्हें राधा अष्टमी पर व्रत रखकर राधा रानी की उपासना जरूर करना चाहिए। मान्यता है इससे कृष्ण जल्द प्रसन्न होते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी की तरह राधा अष्टमी का त्योहार भी मथुरा, वृंदावन और बरसाने में धूम-धाम से मनाई जाती है। भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी का अलौकिक प्रेम जगजाहिर है। आज भी लोग उनके पवित्र प्रेम की मिसाल देते हैं। राधा और कृष्ण नाम हमेशा साथ में लिया जाता है। मान्यता है कि राधा के बिना श्याम अधूरे हैं ।
यह भी पढ़ें– दिल्ली में आज सियासी पारा गरम, महंगाई के खिलाफ कांग्रेस हुंकार, सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका के बड़े-बड़े बैनर लगाए गए
शायद इसी कारण ये संयोग बना है कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस दिन विवाहित महिलाएं संतान सुख और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जो लोग राधा जी को प्रसन्न कर देते हैं उनसे भगवान श्रीकृष्ण अपने आप प्रसन्न हो जाते हैं। कहा जाता है कि व्रत करने से घर में मां लक्ष्मी आती हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मथुरा के बरसाना में राधा रानी का मंदिर भी बना हुआ है। यहां पर भक्त दूर-दूर से आते हैं।

