अगर आपके पास कुछ दिनों के लिए समय है तो आपके पास एक बहुत ही शानदार और खूबसूरत छोटे से टाउन में जाने का अच्छा अवसर है। राजस्थान का धार्मिक स्थल पुष्कर आपको बुला रहा है। बता दें कि हर साल यहां पर अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले का आयोजन किया जाता है। यह एक ऐसा मेला है इसे देखने के लिए भारत ही नहीं बल्कि विश्व के तमाम देशों से सैलानी पहुंचते हैं। इस मेले में राजस्थान की कला संस्कृति के साथ ऊंट महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है। पुष्कर का विश्व प्रसिद्ध मेला आज से शुरू हो गया है। 1 नवंबर से 9 नवंबर तक इसका आयोजन किया जाएगा। राजस्थान में यह मेला नहीं बल्कि आस्था का भी प्रतीक रहा है। हर साल यह मेला कार्तिक पूर्णिमा के दौरान आयोजित किया जाता है। सुबह से बाजारों और मंदिरों में खासी भीड़ दिखने लगी है और बाजारों में दुकानें सज चुकी है और लोग खरीदारी के लिए बाजारों में जुटने लगे हैं। मेले को लेकर बताया गया है कि यहां सिर्फ राजस्थान ही नहीं देश के विभिन्न हिस्सों की संस्कृति की झलक दिखाई देगी और अध्यात्म, संस्कृति, खेल और बॉलीवुड से जुड़े रंगारंग आयोजन होंगे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पुष्कर मेले का उद्घाटन करेंगे।
रेत में सजे-धजे ऊंटों के चलते और करतब करते हुए देखने का अनुभव ही अलग है। सुबह से लेकर शाम तक यहां इतने प्रकार के कार्यक्रम होते हैं कि मन नहीं भरेगा। इस मेले का आयोजन हर साल बड़ी धूमधाम से होता है। राजस्थान के अजमेर से 12 किलोमीटर दूर स्थित छोटा टाउन पुष्कर हिंदुओं का बहुत बड़ा तीर्थ स्थल है। यहां पर पुष्प सरोवर के साथ देश में एकमात्र ब्रह्मा जी का मंदिर भी है। इसके साथ यह क्षेत्र गुलाब के फूलों के लिए भी प्रसिद्ध है। यह मेला 1 नवंबर से शुरू होकर 9 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। पुष्कर मेला राजस्थान का बेहद प्रसिद्ध मेला है। दुनिया भर में इसे सबसे बड़ा ऊंट फेस्टिवल भी कहा जाता है। पुष्कर में हर साल यह मेला बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। जिसे देखने देश और विदेश से सैलानी आते हैं। राजस्थान में पुष्कर प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल है। पुष्कर झील किनारे कई घाट बने हुए हैं। इसके अलावा यहां सावित्री, बदरीनारायण, वाराह, रंगजी और शिव आत्मेश्वर मंदिर हैं, जिसके दर्शन के लिए दूर-दूर से सैलानी यहां आते हैं। पुष्कर मेले में काफी धूम होती है और यहां इस दौरान अच्छी खासी भीड़ जुटती है।
मेले का खास आकर्षण ऊंट होते हैं यही कारण है कि इस मेले को ऊंट महोत्सव भी कहा जाता है। इस दौरान यहां रेत के टीलों के बीच दुकाने लगती हैं। पुष्कर में यह मेला काफी पहले से लगता आ रहा है, जिसमें कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। मेले में राजस्थान की संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। इस मेले में अलग-अलग प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। मेले में ट्रेडिशनल और फ्यूजन बैंड भी अपनी परफॉर्मेंस का प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा मेले में टेस्टी डिशेज और सुंदर शिल्प कौशल भी प्रदर्शित किया जाएगा। इस मेले में आकर आप कला और संस्कृति के अनूठा संगम देख सकते हैं। पुष्कर पहुंचने का रास्ता आसान है क्योंकि ये कई बड़े शहरों से कनेक्टेड है। फ्लाइट, ट्रेन के अलावा आप अपनी गाड़ी से भी यहां पहुंच सकते हैं। फ्लाइट के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर में है जो पुष्कर से 145 किलोमीटर दूर है। जहां से पुष्कर पहुंचने में दो से तीन घंटे का समय लगता है। ट्रेन से जाने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन अजमेर में है। जो पुष्कर से सिर्फ 12 किलोमीटर दूर है। जहां से आप टैक्सी से आराम से पुष्कर पहुंच सकते हैं।