भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज अपने नाम एक और उपलब्धि हासिल की। राष्ट्रपति मुर्मू ने शनिवार को असम के तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन से सुखोई 30 एमकेआई फाइटर जेट से उड़ान भरी। मुर्मू से पहले देश की 12वीं राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने 2009 में सुखोई में उड़ान भरी थी। उनका नाम गिनीज बुक में भी दर्ज है। प्रतिभा पाटिल से पहले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति रहने के दौरान 8 जून 2006 में सुखोई से उड़ान भर चुके हैं। वे ऐसा करने वाले देश के पहले राष्ट्रपति थे। प्रतिभा पाटिल उनके बाद सुखोई से उड़ान भरी। अब द्रौपदी मुर्मू ऐसा करने वाली तीसरी राष्ट्रपति हो गईं हैं। बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को राष्ट्रपति मुर्मू ने गुवाहाटी में गजराज महोत्सव-2023 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रकृति और मानवता के बीच पवित्र रिश्ता होता है। जो कार्य प्रकृति और पशु-पक्षियों के लिए हितकारी है, वह मानवता के भी हित में है। धरती माता के हित में भी है। इससे पूर्व उन्होंने कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में हाथी को खाना खिलाया और जीप सफारी का लुत्फ लिया। राष्ट्रपति ने हाथियों के साथ दया का व्यवहार करने, उनके गलियारों को अवरोधों से मुक्त रखने का आग्रह किया ताकि उनकी आवाजाही आसान हो सके। सुखोई 30 फाइटर जेट दुश्मन के लिए बेहद घातक माना जाता है। यह 2120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ता है और इसकी कॉम्बेट रेंज 3000 किलोमीटर तक है। इस विमान में ग्रिजेव-शुपुनोव ऑटोकैनन लगी है, जो एक मिनट में 150 राउंड फायर कर कसती है। इसके अलावा यह विमान चार तरह की मिसाइल और 10 तरह के बम बरसाने में भी सक्षम है। ब्रह्मोस मिसाइल लगने से यह फाइटर जेट दुश्मनों के लिए और भी घातक हो गया है। यह विमान 8130 किलोग्राम तक का वजह उठा सकता है।
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