राजधानी दिल्ली में भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच घमासान शुरू हो गया है। इस सियासी घमासान की शुरुआत दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना से हुई। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आज पुरानी गड़बड़ियों और चूक के बाद आबकारी विभाग के 11 अफसरों को एक साथ सस्पेंड कर दिया। एक साथ सस्पेंड किए गए इन अफसरों के बाद भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई। एलजी वीके सक्सेना ने शनिवार को एक्शन लेते हुए दिल्ली के तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण और तत्कालीन उपायुक्त आनंद कुमार तिवारी के खिलाफ निलंबन और अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही आबकारी विभाग के 9 अन्य अधिकारियों के खिलाफ निलंबन के आदेश दिए हैं।एलजी ने यह आदेश संबंधित अधिकारियों की ओर से आबकारी नीति के कार्यान्वयन में गंभीर चूक के मद्देनजर लिया है। इसमें टेंडर देने में अनियमितताएं पाने जाने और चुनिंदा विक्रेताओं को पोस्ट टेंडर लाभ प्रदान करना शामिल है। वहीं आज ही दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। उपराज्यपाल सक्सेना के 11 अफसरों को सस्पेंड किए जाने के बाद मनीष सिसोदिया ने पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल पर अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने पर अपना रुख बदलने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी को रोककर सरकार को नुकसान पहुंचाया गया। मनीष सिसोदिया ने सवाल पूछते हुए कहा कि एलजी ने यह फैसला किसके कहने पर लिया। सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने मामले का विवरण सीबीआई को भेज दिया है। सिसोदिया के आरोपों के बाद भाजपा नेता संबित पात्रा और दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने पलटवार किया। संबित पात्रा ने कहा कि दिल्ली एलजी ने नियम के मुताबिक काम किया है। उन्होंने कहा कि ब्लैट लिस्टेड कंपनियों को न ही टेंडर दिया जा सकता है न ही वह ठेके खोल सकते हैं, लेकिन ब्लैक लिस्टेड कंपनियों ने भी ठेके खोल रखे थे। उन्होंने कहा कि नई शराब नीति में केजरीवाल ने गड़बड़ी की है। वहीं भाजपा के सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना के एक्शन का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि शराब की खराब नीति को दिल्ली पर थोप कर जो पाप मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल ने किया है, उसकी सजा उनको जरूर मिलेगी। वह गुनाहों पर पर्दा डालने के लिए कितनी ही सफाई क्यों न दें, दिल्ली के खिलाफ केजरीवाल की बुरी साजिश का अंत भी बुरा ही होगा।