बिहार के बुनियादी ढांचे में एक नई उपलब्धि जुड़ने वाली है। उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली औंटा–सिमरिया पुल परियोजना अब पूरी हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को इस परियोजना के तहत पवित्र गंगा नदी पर 1.865 किमी लंबे 6 लेन का पुल का उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना से रोज़ाना जाम और परेशानियों का सामना करने वाले ट्रक चालकों को बड़ी राहत मिलेगी।
पुल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी
पटना जिले के मोकामा को बेगूसराय से जोड़ने वाली यह परियोजना उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो सात दशक पुराने राजेंद्र सेतु का विकल्प प्रदान करेगी। महत्त्वपूर्ण एनएच-31 कॉरिडॉर पर स्थित, यह पुल 4लेन/6लेन औंटा (मोकामा)-सिमरिया (बेगुसराय) खड्याचा केंद्र बिंदु बना है। इसका महत्व सिर्फ इसकी इंजीनियरिंग शक्ति में नहीं है, बल्कि बिहार के लिए कनेक्टिविटी और विकास के वादे में भी है।
नया 6 लेन का पुल, पुराने राजेंद्र सेतु के समानांतर बनाया गया है। यह पटना और मुजफ्फरपुर में ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए एक सीधा और आधुनिक विकल्प प्रदान करता है, न केवल यातायात के प्रवाह को बहाल करता है, बल्कि नदी के दोनों किनारों पर समुदायों की आशा और महत्वाकांक्षा को पूरा करता है।
नये पुल का महत्व
पटना जिले के मोकामा और बेगूसराय के लोगों के लिए, इस नये पुल का महत्व बहुत अधिक है, यह आकांक्षाओं को पूरा करने के साथ ही आजीविका और बाजारों को एक साथ जोड़ता है। भारी वाहन, जो पहले लंबे और घुमावदार रास्तों से गुजरते थे, अब निर्बाध पारगमन कर सकेंगे। इस कनेक्टिविटी से उत्तर बिहार क्षेत्रों (जैसे बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी और अररिया) और दक्षिण बिहार के गंतव्यों (पटना, शेखपुरा, नवादा और लखीसराय सहित) के बीच उनकी यात्रा की दूरी100 किमी तक कम हो जाएगी।
यात्रा दूरी में यह उल्लेखनीय कमी, समय पर, ईंधन पर और वाहन संचालन लागत के मामले में सीधे बचत में तब्दील हो जाती है। यात्रा आसान और तेज दोनों होने के साथ, नया पुल व्यापार में तेजी लाने, स्थानीय उद्योगों को सहयोग करने और उन समुदायों के लिए आर्थिक लचीलापन बढ़ाने के लिए तैयार है जो माल और लोगों के तेज परिवहन पर निर्भर हैं।
इस परियोजना में गंगा नदी पर 34 मीटर चौड़े डेक वाले एकल खंडीय संरचना के साथ डिजाइन किया गया भारत का सबसे चौड़ा अतिरिक्त पुल है। 57 मीटर से 115 मीटर और 70 मीटर लंबाई के साथ, संरचना इंजीनियरिंग उत्कृष्टता का उदाहरण देती है।
परियोजना निर्माण कार्य के बारे में बात करते हुए, एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी एमएल योटकर ने कहा, “टीम को निर्माण के दौरान बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। यह एक निचला इलाका है, जहां प्रत्येक साल बाढ़ का खतरा रहता है। इस बाढ़ के कारण हर साल 7 से 8 महीने के दौरान ही निर्माण कार्य संभव हो पाता है। बाढ़ ने क्षेत्र के लोगों के लिए जीवन मुश्किल बना दिया है और उनके आवागमन को बाधित कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पुल से इस क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिलेगी।
बेगूसराय के लोग ने उत्साह के साथ अपनी प्रतिक्रिया साझा की
राम कुमार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आम आदमी की बड़ी सेवा कर रहे हैं। यह पुल पटना और बेगूसराय जिलों को करीब लाएगा और लोगों को सुविधा प्रदान करेगा। यह उन वाहनों के लिए यात्रा की दूरी को कम करेगा जो क्षतिग्रस्त पुल के कारण चक्कर लगाने के लिए मजबूर थे।
मोनू राज ने कहा, “बेगूसराय से पटना पहुंचने में तीन घंटे लगते थे, अब हम 1.5 घंटे में पहुंचेंगे। अब सिमरिया धाम में ज्यादा पर्यटक आएंगे।
सुजीत कुमार ने कहा, “पुल से बेगूसराय के लोगों को बहुत सुविधा होगी, अब हम आसानी से पटना, समस्तीपुर, खगड़िया जा सकते हैं। यह किसानों के लिए भी अच्छा होगा।‘’
संतोष कुमार ने कहा, “पुल ट्रकों के लिए यात्रा के समय में 100 किलोमीटर की कटौती करेगा। यह व्यापारियों के लिए अच्छा होगा।
पुल प्रसिद्ध तीर्थ स्थल सिमरिया धाम को भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा
औंटा-सिमरिया पुल देश के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का उदाहरण है। परियोजना की आधारशिला पीएम मोदी द्वारा रखी गई थी। इससे कनेक्टिविटी बढ़ाने और क्षेत्रीय विकास में तेजी लाने के लिए एक परिवर्तनकारी यात्रा की शुरुआत से प्रगति का राज्य के प्रत्येक कोने तक पहुंचना सुनिश्चित हुआ है। यह पुल प्रसिद्ध तीर्थ स्थल सिमरिया धाम को भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जो प्रसिद्ध कवि स्वर्गीय रामधारी सिंह दिनकर का जन्मस्थान भी है।
एकीकृत विकास की दिशा में बिहार की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि
औंटा-सिमरिया पुल का उद्घाटन एकीकृत विकास की दिशा में बिहार की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। गंगा पर एक विश्वसनीय और कुशल मार्ग बनने के साथ, बिहार के लोग तेजी से कनेक्टिविटी, कम आर्थिक बोझ और अधिक अवसरों की आशा कर सकते हैं। परियोजना का प्रभाव न केवल वाहनों की बेहतर आवाजाही में, बल्कि यात्रा में होने वाले आसानी और विश्वसनीयता से लाभान्वित वाला प्रत्येक घर, व्यवसाय और समुदाय इसे महसूस करेगा।
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