






आज बसंत पंचमी के पावन पर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैदराबाद पहुंचे। यहां पीएम ने वैष्णव संत रामानुजाचार्य स्वामी की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी’ देश को समर्पित किया। इस प्रतिमा को करीब एक हजार करोड़ रुपए की लागत से बन बनाया गया है। इस प्रतिमा को रामानुजाचार्य मंदिर में स्थापित किया गया है। बता दें कि यह दुनिया की सबसे बड़ी बैठी हुई प्रतिमा है। इससे पहले पीएम मोदी मंदिर प्रांगण में बसंत पंचमी की वेशभूषा में पहुंचे। उन्होंने यहां पूजा-अर्चना भी की। प्रधानमंत्री ने मौजूद पुरोहितों से इस मंदिर की जानकारी भी ली। इस मौके में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि एक बार फिर पूरे देश में सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास की नींव को मजबूत कर दिया गया है। भाषण के दौरान वो पल भी आया जब मोदी ने विस्तार से देश की आजादी और उसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जिक्र किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी आजादी की परिकल्पना बिना महात्मा गांधी के नहीं की जा सकती है। बता दें कि रामानुजाचार्य 11वीं सदी के संत और समाज सुधारक थे। उनकी 216 फीट ऊंची प्रतिमा को ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी’ नाम दिया गया है। 45 एकड़ में बनी यह प्रतिमा हैदराबाद के बाहरी इलाके शमशाबाद में स्थित है। वैष्णव संत रामानुजाचार्य का जन्म सन 1017 में तमिलनाड़ु में श्रीपेरंबदूर गांव में तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। हुआ था। उन्होंने अलवार यमुनाचार्य से कांची में दीक्षा ली थी। श्रीरंगम के यतिराज नाम के संन्यासी से उन्होंने संन्यास ग्रहण करने की की दीक्षा ली। इसके बाद उन्होंने भारत भर में घूमकर वेदांत और वैष्णव धर्म का प्रचार प्रसार किया।
Sharing my speech at the inauguration of Statue of Equality. https://t.co/GQL747gjOt
— Narendra Modi (@narendramodi) February 5, 2022














