प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले महीने 15 सितंबर को
शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 22वीं बैठक में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान के समरकंद गए थे। यहां उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन से यूक्रेन के साथ जारी युद्ध को भी खत्म करने की अपने अपील दोहराई। 4 अक्टूबर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बातचीत की है। दोनों नेताओं ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर चर्चा की है। पीएम मोदी ने संघर्ष को जल्द खत्म करने और बातचीत व कूटनीति के रास्ते पर चलने की बात दोहराई है। पीएम मोदी ने कहा कि संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है और किसी भी शांति प्रयासों में योगदान करने के लिए भारत की तत्परता से अवगत कराया। पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बातचीत में संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और सभी राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के महत्व को भी दोहराया है। पीएमओ ने आगे बताया कि पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत यूक्रेन सहित अन्य परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को महत्व देता है। उन्होंने रेखांकित किया कि परमाणु सुविधाओं के खतरे में सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए दूरगामी व विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।