पीएम मोदी ने आज रविवार को असम के गोलाघाट जिले स्थित नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL) में बायोएथेनॉल प्लांट का उद्घाटन किया और पॉलीप्रोपलीन यूनिट की आधारशिला रखी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को शारदीय दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं दीं और संत श्रीमंत शंकरदेव की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बताया कि असम को लगभग 18,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं आवंटित की गई हैं, जिससे राज्य के विकास की गति तेज होगी और किसानों व युवाओं के लिए नए अवसर पैदा होंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि नवनिर्मित बायोएथेनॉल प्लांट बांस को कच्चे माल के रूप में उपयोग करेगा। यह परियोजना असम के हरित ऊर्जा क्षेत्र को नई ताकत देने के साथ-साथ बांस की खेती से जुड़े किसानों और आदिवासी समुदायों को बड़ा लाभ पहुंचाएगी। उन्होंने बताया कि बांस की निरंतर आपूर्ति के लिए छोटे-छोटे चिपिंग यूनिट लगाए जाएंगे। इस एक ही प्लांट से हजारों लोगों को फायदा होगा और हर साल लगभग 200 करोड़ रुपये इस क्षेत्र में खर्च किए जाएंगे।
इसी के साथ प्रधानमंत्री ने NRL में आधुनिक पॉलीप्रोपलीन यूनिट की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि पॉलीप्रोपलीन एक अहम कच्चा माल है, जिसका उपयोग घरेलू सामान, वस्त्र, ऑटोमोबाइल और मेडिकल उपकरण सहित कई उद्योगों में होता है। उन्होंने कहा कि यह यूनिट ‘मेक इन असम’ और ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूत करेगी और राज्य के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को नई गति देगी।
प्रधानमंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भारत की प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि एक समय देश सौर ऊर्जा में पीछे था, लेकिन अब दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल है। उन्होंने कहा कि एथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन आयातित तेल और गैस पर निर्भरता घटाने में मदद करेंगे, जिन पर हर साल लाखों करोड़ रुपये खर्च होते हैं।
पीएम मोदी ने बताया कि असम भारत के सेमीकंडक्टर मिशन में भी केंद्रीय भूमिका निभा रहा है। मोरीगांव में 27,000 करोड़ रुपये की लागत से एक सेमीकंडक्टर फैक्ट्री स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा और सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भर भारत की यात्रा के दो मजबूत स्तंभ होंगे।उन्होंने असम की सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक विकास को साथ लेकर चलने की सरकार की नीति का भी उल्लेख किया। उन्होंने रंगघर के पुनर्निर्माण, बटद्रवा को विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने और मां कामाख्या कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं का उल्लेख किया, जो असम की पहचान और पर्यटन को बढ़ावा देंगी।
प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने असम के विकास की अनदेखी की और लचित बोरफुकन जैसे नायकों को उचित सम्मान नहीं दिया। उन्होंने मिशन बसुंधरा के तहत आदिवासी समुदायों को भूमि अधिकार देने और चाय बागान श्रमिकों, खासकर महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं का जिक्र किया।
पीएम मोदी ने कहा, “असम विकास के नए युग में प्रवेश कर रहा है और व्यापार व पर्यटन का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। हमारी सरकार विकसित असम और विकसित भारत बनाने के संकल्प पर कायम है।” इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, हरदीप सिंह पुरी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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