उत्तराखंड में चार धाम आने वाले यात्रियों को कई कठिनाइयों से होकर गुजरना पड़ता है। तब जाकर श्रद्धालु बाबा केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में पहुंचकर दर्शन करते हैं। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में कई दिनों से बर्फबारी और मौसम की वजह से हजारों तीर्थयात्री परेशान रहे। हालांकि आज कुछ मौसम ने राहत दी तो श्रद्धालुओं ने अपनी यात्रा तेज कर दी है। उत्तराखंड में चारधाम यात्रियों के सामने सबसे बड़ी समस्या खराब मौसम और रास्ते में पहाड़ के लिए ग्लेशियर का टूटना रहा है। संपर्क मार्ग पर पहाड़ के अचानक टूटने से सड़कें बंद हो जाती है और तीर्थ यात्रियों के साथ आवागमन भी प्रभावित होता है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर ग्लेशियर टूटकर गिरा लोग तो चिल्लाने लगे, भैरव और कुबेर गदेरे के बीच ग्लेशियर आने से मार्ग बंद हो गया । टूटने के समय चीखने चिल्लाने की आवाजे आई लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ है।
वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड के हेलंग में बद्रीनाथ हाईवे पर चट्टान टूटने से आवागमन प्रभावित रहा। हालांकि गनीमत रही कोई हताहत नहीं हुआ। चट्टान टूटने के बाद बद्रीनाथ यात्रा रोक दी गई थी इसक बाद आज फिर शुरू कर दी गई है। मौसम विभाग के अनुसार अभी कुछ दिन और उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में नौ मई तक बारिश होने की संभावना है।


चक्रवात : अब देश में तेजी से बढ़ रहा “मोचा” तूफान, दिल्ली से लेकर मुंबई तक बदलेगा मौसम, उड़ीसा-बंगाल में हाई अलर्ट
इस बार मौसम का बदलता रूप सभी को आश्चर्य में डाले हुए हैं। मई के महीने में मौसम ठंड का एहसास करा रहा है। वहीं अब कुछ दिनों तक चक्रवाती तूफान “मोचा” को लेकर देश के कई राज्यों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। आईएमडी के अनुसार, चक्रवात मोचा के 7 मई को पश्चिम बंगाल और ओडिशा में दस्तक देने की संभावना है। 8 मई को दबाव के तेज होने की उम्मीद है और बाद में एक गहरे दबाव वाले क्षेत्र में बदलने और बंगाल की मध्य खाड़ी की ओर बढ़ने की उम्मीद है। 9 मई को एक चक्रवाती तूफान का रूप लेगा। दिल्ली और मुंबई दोनों राजधानी शहरों में आसमान में बादल छाए रहने और मध्यम बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा कि ‘8 मई के आसपास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में एक चक्रवाती तूफान बनने की संभावना है। इससे पश्चिम बंगाल और ओडिशा भी प्रभावित होंगे। दोनों राज्यों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। रविवार से बुधवार तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश की संभावना है।

IMD ने बताया कि चक्रवात के दौरान आसपास के इलाकों में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की भी संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार हवा की गति भी 70 को पार कर सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हवा की गति 60-70 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है और 10 मई से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है। इस चक्रवाती तूफान को मोचा नाम दिया गया है। मौसम वैज्ञानिकों के कारण चक्रवाती तूफान के कारण एक बार फिर दिल्ली से लेकर मुंबई तक का मौसम बदलेगा और यहां बादल छाए रहने के साथ ही साथ बारिश की भी संभावना बन रही है। ओडिशा में इस तूफान को लेकर चेतावनी जारी की गई है। आईएमडी के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण ओडिशा के 18 और तटीय और आसपास के जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। यहां जिला कलेक्टरों को किसी भी आपात स्थिति में तैयार रहने को कहा गया है। उड़ीसा में विशेष राहत आयुक्त और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने चक्रवात को लेकर मौसम विभाग के आकलन के बाद सभी जिला कलेक्टरों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। बीएमसी की बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि राज्य सरकार के निर्देशों के बाद बीएमसी भी पहले से एहतियाती कदम उठाएगी। फैसले के अनुसार, 24 घंटे काम करने वाला कंट्रोल रूम खोला जाएगा और बीएमसी के कर्मचारी मुख्यालय नहीं छोड़ पाएंगे। संभावित चक्रवात से पहले और बाद में रिकवरी और पुनर्वास की निगरानी की जाएगी। निचले इलाकों में जलभराव न हो, इसकी तुरंत निकासी कैसे की जाए, इसके लिए कदम उठाए जाएंगे। जरूरत पड़ने पर स्कूल हाउस और कल्याण मंडप बनाए जाएंगे। सूखे भोजन को संग्रहीत किया जाएगा। इस संबंध में फिर से वार्ड स्तरीय बैठक होगी। भुवनेश्वर की मेयर सुलोचना दास ने कहा कि संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थितियों में कुछ स्थानों की पहचान की गई है और उन पर कड़ी नजर रखी जा रही है।