आज एक ऐसा दिवस है जो ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्यों से प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। मौजूदा समय में भी गांव का सिस्टम जो अपनी लोकतंत्र में मजबूत भागीदारी निभाता है। जिसे हम ‘गांव की सरकार’ कहते हैं। वह है ‘पंचायती राज’। आज पूरे देश भर में ‘राष्ट्रीय पंचायत दिवस’ मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू कश्मीर पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री जम्मू के सांबा जिले में होने वाले पंचायती राज दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। पीएम जम्मू के सांबा जिले के ‘पल्ली गांव’ से देश भर की ग्राम सभाओं को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू में आज पहली पहुंचे हैं। यह प्रधानमंत्री एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके साथ पीएम मोदी 20 हजार करोड़ की परियोजनाओं का तोहफा देंगे। इस दौरान अमृत सरोवर योजना की भी घोषणा करेंगे। पीएम मोदी के आने पर अचानक पल्ली गांव देश की सुर्खियों में आ गया है। आज पंचायत के हजारों प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री का संवाद हो रहा है। इसके साथ देश की जिस पंचायतों ने अपने क्षेत्र में बेहतरीन काम किया होगा, उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा। प्रधानमंत्री की सभा से ठीक पहले जम्मू के सांबा में एक ब्लास्ट हुआ है। इस जगह से 12 किमी दूर प्रधानमंत्री की सभा होनी है। जानकारी के मुताबिक यह ब्लास्ट एक खेत में हुआ है। पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है और पूरे इलाके में सर्चिंग शुरू कर दी गई है। अब आइए जानते हैं देश में पंचायत राज व्यवस्था क्या है और इसका इतिहास अब तक कैसा रहा।
देश के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत राज व्यवस्था विकास कार्यों में मजबूत सरकार मानी जाती है
आज पूरे देश में 12वां राष्ट्रीय पंचायत दिवस मनाया जा रहा है। हर साल यह दिवस 24 अप्रैल को मनाया जाता है। इस मौके पर केंद्र से लेकर राज्य सरकारों ने पंचायतों को शुभकामनाएं दी हैं। भारत की आज भी अधिकांश आबादी गांव में बसती है। इस प्रकार से इस देश में पंचायती व्यवस्था आज भी एक मजबूत सरकार की तरह मानी जाती है। इसी व्यवस्था के तहत गांव में विकास कार्य भी आयोजित किए जाते हैं। बता दें कि देश में करीब साढ़े छह लाख गांव है।छह हजार से अधिक ब्लॉक और 750 से अधिक जिलों में बंटे हुए हैं। पंचायती राज का तात्पर्य स्वशासन से है और यह व्यवस्था शासन के विकेंद्रीकरण के तहत की गई है। पंचायत शब्द दो शब्दों ‘पंच’ और ‘आयत’ के मेल से बना है। पंच का अर्थ है पांच और आयत का अर्थ है सभा। पंचायत को पांच सदस्यों की सभा कहा जाता है जो स्थानीय समुदायों के विकास और उत्थान के लिए काम करते हैं और स्थानीय स्तर पर कई विवादों का हल निकालते हैं। पंचायती राज व्यवस्था का जनक लॉर्ड रिपन को माना जाता है। रिपन ने 1882 में स्थानीय संस्थाओं को उनका लोकतांत्रिक ढांचा प्रदान किया था। अगर देश में किसी गांव की हालत खराब है तो उस गांव को सशक्त और विकसित बनाने के लिए ग्राम पंचायत उचित कदम उठाती है ।

2 अक्टूबर 1959 को पंचायत राज व्यवस्था की नागौर जिले से की थी शुरुआत
बता दें कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के नागौर जिले से पंचायत राज व्यवस्था की शुरुआत की थी। पंचायती राज दिवस पहली बार 24 अप्रैल, 2010 को मनाया गया था। यह दिन 1992 में संविधान के 73 वें संशोधन के अधिनियमन का प्रतीक है। इस ऐतिहासिक संशोधन के जरिए जमीनी स्तर की शक्तियों का विकेंद्रीकरण किया गया और पंचायती राज नाम की एक संस्था की बुनियाद रखी गई। पंचायती राज मंत्रालय हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाता है। 73वें संशोधन के तहत संविधान में भाग-9 जोड़ा गया था। जिसके अंतर्गत पंचायती राज से संबंधित उपबंधों की बात की गई है। साल 2010 से 24 अप्रैल को हर साल ये दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन बेहतर प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को पुरस्कृत करने का भी प्रावधान किया गया है ।