प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में शुक्रवार को मालदीव की राजधानी माले के रिपब्लिक स्क्वायर में औपचारिक स्वागत समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई। इस दौरान मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू भी मौजूद रहे।

इससे पहले पीएम मोदी का माले हवाई अड्डे पर किया गया स्वागत
इससे पहले माले हवाई अड्डे पर पहुंचकर राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। पीएम मोदी के स्वागत के लिए उनके साथ मालदीव के विदेश, रक्षा, वित्त और गृह सुरक्षा मंत्री भी मौजूद रहे। वहीं स्वागत समारोह में बच्चों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए और भारतीय समुदाय के सदस्यों ने ‘वंदे मातरम’ के नारों के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया।

भारतीय समुदाय के लोगों से की मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए कहा, “राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा स्वयं एयरपोर्ट पर आकर स्वागत करने से अभिभूत हूं। मुझे विश्वास है कि भारत-मालदीव की मित्रता आने वाले समय में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएगी।” उन्होंने भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की, बच्चों को ऑटोग्राफ दिए और उनकी बनाई पेंटिंग्स की सराहना की। एक बच्चे ने उत्साहित होकर कहा, “प्रधानमंत्री का ऑटोग्राफ मिलना अविश्वसनीय अनुभव था, मैं नाचने लगा!”
शनिवार को मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में होंगे मुख्य अतिथि
बताना चाहेंगे मालदीव 26 जुलाई को अपनी आज़ादी की 60वीं वर्षगांठ मना रहा है, और इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी को ‘मुख्य अतिथि’ के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह उनकी तीसरी मालदीव यात्रा है और मुइज़्ज़ू के कार्यकाल में किसी राष्ट्राध्यक्ष की पहली यात्रा है।
यह यात्रा भारत-मालदीव संबंधों को करेगी और मजबूत
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि यह यात्रा भारत-मालदीव संबंधों को और मजबूत करेगी, साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और समृद्धि को बढ़ावा देगी। दोनों नेता अक्टूबर 2024 में अपनाए गए ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ की प्रगति की समीक्षा करेंगे। मिस्री ने कहा, “मालदीव के संकटों में भारत हमेशा आगे रहा है। यह यात्रा हमारे मजबूत राजनीतिक और बहुआयामी संबंधों को और गहरा करेगी।”
यह यात्रा भारत और मालदीव के बीच सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों को नई ऊर्जा प्रदान करने का अवसर है, जिसमें प्रवासी भारतीयों की भूमिका भी अहम रहेगी।