आज नौसेना दिवस मनाया जा रहा है। यह दिवस पराक्रम और बहादुरी की याद दिलाता है। नौसेना दिवस 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में जीत हासिल करने वाली भारतीय नौसेना की शक्ति और बहादुरी को याद करते हुए मनाया जाता है। ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ के तहत 4 दिसंबर, 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला बोल दिया था। कराची हार्बर फ्यूल स्टोरेज के तबाह हो जाने से पाकिस्तान नौसेना की कमर टूट गई थी। कराची के तेल टैंकरों में लगी आग की लपटों को 60 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता था। इस युद्ध में पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था। इस हमले में पाकिस्तान के कई जहाज नेस्तनाबूद कर दिए गए थे। इस दौरान पाकिस्तान के ऑयल टैंकर भी तबाह हो गए थे। कराची के तेल डिपो में लगी आग को सात दिनों तक नहीं बुझाया जा सका था। हालांकि, इस जंग के दौरान भारतीय नौसेना का आईएनएस खुखरी भी पानी में डूब गया था और 18 अधिकारियों समेत लगभग 174 नाविक मारे गए थे। इस ऑपरेशन की सफलता को ध्यान में रखते हुए 4 दिसंबर को हर साल नौसेना दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार के साथ सीडीएस जनरल अनिल चौहान, आइएएफ प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और वाइस आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने नौसेना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर बधाई दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, सभी नौसेना कर्मियों और उनके परिवारों को नौसेना दिवस की शुभकामनाएं। भारत में हमें अपने समृद्ध समुद्री इतिहास पर गर्व है। भारतीय नौसेना ने दृढ़ता से हमारे देश की रक्षा की है और चुनौतीपूर्ण समय के दौरान अपनी मानवीय भावना से खुद को प्रतिष्ठित किया है।