Uttarakhand Setu Aayog : नीति आयोग की तर्ज पर अब सेतु का गठन : उत्तराखंड में राज्य योजना आयोग हुआ समाप्त, अब "सेतु" करेगा प्रदेश के भविष्य का निर्माण - Daily Lok Manch Uttarakhand Niti aayog Now Setu
November 21, 2024
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Uttarakhand Setu Aayog : नीति आयोग की तर्ज पर अब सेतु का गठन : उत्तराखंड में राज्य योजना आयोग हुआ समाप्त, अब “सेतु” करेगा प्रदेश के भविष्य का निर्माण

उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी सरकार ने राज्य योजना आयोग को समाप्त कर दिया है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के नीति आयोग की आयोग की तर्ज पर अब ‘सेतु’ का गठन किया है। ‌बता दें कि मोदी सरकार ने साल 2014 में योजना आयोग को खत्म कर नीति आयोग का गठन किया था। उसके बाद केंद्र की ओर से राज्य को भी इसी भांति आयोग के गठन के निर्देश दिए गए थे। आखिरकार अब उत्तराखंड ने नीति आयोग की भांति सेतु के गठन का निर्णय लिया है। अब उत्तराखंड में नीति आयोग की तर्ज पर स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड (सेतु) के गठन को राज्यपाल ने भी मंजूरी दे दी है। हाल ही में कैबिनेट ने इसके प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। जिसके बाद मंगलवार को सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। सेतु प्रदेश सरकार की नीति व नियोजन में थिंक टैंक की तरह काम करेगा। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। साथ ही नियोजन मंत्री उपाध्यक्ष और तीन सलाहकार भी नियुक्त होंगे। सेतु के संगठनात्मक ढांचे के मुताबिक, मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे। यदि वह नियोजन मंत्री हैं, तो उपाध्यक्ष पद पर वह किसी मंत्री को नामित करेंगे। मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुक्त बाजार से लिया जाएगा। यह नामी अर्थशास्त्री या सेवानिवृत्त नौकरशाह हो सकता है। सभी मंत्री इसके सदस्य होंगे। सेतु के तहत तीन केंद्र होंगे और प्रत्येक में दो-दो सलाहकार होंगे। इनमें आर्थिक एवं सामाजिक विकास केंद्र में आर्थिकी एवं रोजगार सलाहकार, लोक नीति एवं सुशासन केंद्र में लोक नीति एवं सुशासन सलाहकार व शहरी व अर्द्ध शहरी विकास सलाहकार व साक्ष्य आधारित योजना केंद्र में सांख्यिकी एवं डाटा व अनुश्रवण व मूल्यांकन सलाहकार होंगे।नागरिकों के विकास एवं कल्याण की सामाजिक एवं व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एजेंडा तैयार करेगा। जन आवश्यकताओं के अनुसार, उनकी पूर्ति के लिए सक्रिय रहेगा। विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करेगा। सभी समूहों का समावेश करेगा। राज्य के युवाओं के लिए अवसरों की समानता। पर्यावरण को बचाते हुए सतत विकास। सरकार के प्रत्यक्ष और उत्तदायी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। राज्य के संसाधनों के कुशल और प्रभावी उपयोग के लिए समन्वय, सामुदायिक भागीदारी व नेटवर्किंग पर जोर देगा।

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