आखिरकार वह समय आ गया जब उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में निकाय चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। प्रदेश की जनता कई महीनों से निकाय चुनाव कब होंगे, इंतजार कर रही थी। उत्तराखंड में आखिरी बार नवंबर, 2018 को निकाय चुनाव हुए थे।
निकाय चुनाव का कार्यकाल 5 साल का होता है लेकिन इस बार उत्तराखंड में 6 साल बाद निकाय चुनाव होने जा रहे हैं।
निकाय चुनाव देर होने की वजह आरक्षण सूची में बदलाव माना जा रहा है। उत्तराखंड निकाय चुनाव के लिए आरक्षण को लेकर अंतिम सूची जारी कर दी गई है। देर रात तक आपत्तियों के निस्तारण के बाद आज सोमवार को शासन ने नगर निकायों में महापौर व अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण की अंतिम सूची जारी कर दी है। उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार शाम को निकाय चुनाव की तिथि का एलान कर दिया है। 23 जनवरी को निकाय चुनाव होंगे। जबकि 25 को मतगणना होगी।
आयोग के मुताबिक 27 दिसंबर से 30 दिसंबर तक नामांकन होगा जबकि 31 दिसंबर और 1 जनवरी को स्क्रूटनी होगी। नाम वापसी की अंतिम तिथि तारीख 2 जनवरी तय की गई हे। प्रत्याशियों को 3 जनवरी को चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने आयोग के सभागार में पत्रकारों से बातचीत में निकाय चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की।
इसके साथ ही राज्य के जिन 100 नगर निकायों में चुनाव होने हैं वहां आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इससे पहले शासन ने निकाय चुनाव की समय सारिणी जारी की थी। श्रीनगर, हल्द्वानी और अल्मोड़ा नगर निगम में आरक्षण में बदलाव किया गया है। हल्द्वानी नगर निगम में महापौर सीट सामान्य, अल्मोड़ा नगर निगम में ओबीसी और श्रीनगर में महापौर सीट महिला आरक्षित कर दी गई है।